Putin India Visit : रूसी राष्ट्रपति पुतिन दिल्ली पहुंच गए हैं और यहां पर उनका स्वागत करने के लिए स्वयं पीएम मोदी पहुंचे हैं. यह यात्रा बदलती दुनिया को ध्यान में रखते भारत-रूस के संबंधों को फिर स्थापित करना है.
Putin India Visit : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिल्ली पहुंच गए हैं और यहां पर अपने दोस्त का स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एयरपोर्ट पर मौजूद हैं. पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर पहुंचना दिखाता है कि भारत और रूस के संबंध ऐतिहासिक रूप से कितने मजबूत हैं. इसके अलावा यहां पर पीएम मोदी के साथ रूसी राष्ट्रपति 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. आपको बताते चलें कि यह यात्रा सिर्फ कूटनीतिक स्तर की नहीं है बल्कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों में भारत-रूस के संबंधों की नई शुरुआत मानी जा रही है.
23वां भारत-रूस सम्मेलन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे हैं और वह यहां पर 5 दिसंबर को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस सम्मेलन में मुलाकात करेंगे. आपको बताते चलें कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है. इस प्रतिनिधिमंडल में राजेश शर्मा भी शामिल हैं, जिनकी रूस में एक फार्मास्युटिकल्स कंपनी है. वह 34 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उनकी भारत के साथ बड़े समझौते की उम्मीद है. इसके अलावा पुतिन के भारत पहुंचने से पहले उनके कैबिनेट के कई मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं.
PM मोदी खुद लेने पहुंचेंगे यकीन नहीं था : क्रेमलिन
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन का कहना है कि हमें यकीन नहीं हुआ कि राष्ट्रपति पुतिन को एयरपोर्ट पर लेने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी स्वागत करने के लिए पहुंचेंगे. साथ ही इसकी जानकारी खुद रूस को भी नहीं दी गी थी. वहीं, जब पुतिन का स्वागत किया गया तो उस दौरान उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया. फिर दिल्ली पहुंचने के बाद पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक कार में सवार होकर हवाई अड्डे से रवाना हो गए.
पीएम आवास में होगा डिनर
वहीं, एक ही गाड़ी में सवार होकर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए हैं. यहां पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन प्राइवेट डिनर करेंगे और यह कुछ देर में शुरू होने वाला है. इसके बाद वह अगले भारत-रूस के 23वें सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. बताया जा रहा है कि इस दौरान कई सेक्टरों में समझौता सकता है. साथ ही इसके लिए पुतिन से पहले एक प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंच चुका है.
यह भी पढ़ें- ममता का सनसनीखेज खुलासाः SIR प्रक्रिया रोकते तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देती सरकार
