Home Top News राज्यसभा में भोजपुरी साहित्य अकादमी से लेकर दिल्ली की प्रदूषण त्रासदी पर सांसदों का हंगामा

राज्यसभा में भोजपुरी साहित्य अकादमी से लेकर दिल्ली की प्रदूषण त्रासदी पर सांसदों का हंगामा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Rajya Sabha

Rajya Sabha: सांसदों ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आंगनवाड़ी रसोई के आधुनिकीकरण और भोजपुरी साहित्य अकादमी की स्थापना से लेकर बढ़ते वायु प्रदूषण संकट तक के मुद्दे उठाए.

Rajya Sabha: सांसदों ने मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान आंगनवाड़ी रसोई के आधुनिकीकरण और भोजपुरी साहित्य अकादमी की स्थापना से लेकर बढ़ते वायु प्रदूषण संकट तक के मुद्दे उठाए. भाजपा की रेखा शर्मा ने आंगनवाड़ी पोषण रसोई के आधुनिकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की मांग की, जिसमें स्टेनलेस स्टील के बर्तन और भोजन भंडारण, स्वच्छ काउंटर, सुरक्षित व स्वच्छ पेयजल इकाइयां और वेंटिलेशन के लिए निकास प्रणाली सहित उन्नयन का प्रस्ताव दिया गया. रेखा शर्मा ने कहा कि आंगनवाड़ी नेटवर्क भारत की सबसे गौरवपूर्ण सामाजिक कल्याण उपलब्धियों में से एक है. उन्होंने कहा कि आज की जरूरतों को पूरा करने के लिए पोषण रसोई के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है. शर्मा ने बाजरा आधारित पोषण मेन्यू के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस प्रथा को अपनाने वाले राज्यों से आग्रह किया कि वे पहले से ही इसे लागू करने वाले राज्यों के उदाहरण का अनुसरण करें.

प्रदूषण संकट को बताया स्वास्थ्य आपातकाल

उन्होंने पौष्टिक भोजन की आपूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के एकीकरण और आंगनवाड़ियों में डिजिटल निगरानी और विकास ट्रैकिंग प्रणालियों को मजबूत करने का भी आह्वान किया. भाजपा के ही कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया जिलों में एक केंद्रीय भोजपुरी साहित्य अकादमी की स्थापना की मांग की. दिल्ली, बिहार और मध्य प्रदेश में भोजपुरी अकादमियों के संचालन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, जिसे भोजपुरी भाषा का गढ़ माना जाता है, में ऐसी कोई अकादमी नहीं है. अयोध्या रामी रेड्डी अल्ला (वाईएसआरसीपी) ने बढ़ते वायु प्रदूषण संकट को एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में चिह्नित किया. कहा कि दिल्ली के लगभग सात निवासियों में से एक को वायु प्रदूषण के कारण अकाल मृत्यु का खतरा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 17,000 से अधिक मौत का सीधा कारण बिगड़ती वायु गुणवत्ता थी और राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर गंभीर श्रेणी में बना रहा.

शून्यकाल के दौरान उठे मुद्दे

रेड्डी ने विशाखापत्तनम में इसी तरह के संकट को उजागर किया जहां पिछले सात वर्षों में पीएम10 का स्तर 32.7 प्रतिशत बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 129.4 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने के बावजूद केवल 39.64 करोड़ रुपये का ही उपयोग किया गया है, जिससे निगरानी, ​​अंतर-विभागीय समन्वय और स्थानीय प्रवर्तन में गंभीर खामियां उजागर हुई हैं. उन्होंने कहा कि अनियंत्रित वायु प्रदूषण से भारत को सालाना सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से अधिक का नुकसान होता है. उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया. कहा कि विश्वसनीय आंकड़ों, शासन की सक्रियता और जन जागरूकता से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है. ममता मोहंता (भाजपा) और कार्तिकेय शर्मा (आईएनडी) ने भी शून्यकाल के दौरान मुद्दे उठाए.

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