Shubhanshu Shukla In Space: भारत की ओर से अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है. इस कड़ी में ड्रैगन यान की डॉकिंग पूरी हो गई है.
Shubhanshu Shukla In Space: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत 4 यात्री एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुके हैं. करीब 28 घंटे की लंबी यात्रा के बाद वह गंतव्य स्थान पर पहुंच गए हैं और इसके साथ ही ड्रैगन यान की डॉकिंग पूरी हो गई है. वह करीब 14 दिन के लिए स्पेस में रहने वाले हैं. हालांकि, समय से 20 मिनट पहले ड्रैगन कैप्सूल डॉक हुआ.
अंतरिक्ष में यह एक्सपेरिमेंट करेंगे शुभांशु
माइक्रोग्रैविटी बनेगी बात
अपने इस यात्रा में शुभांशु मायोजेनेसिस की पढ़ाई यानी अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के मांसपेशियों पर क्या असर होगा. बता दें कि अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने की वजह से अंतरिक्षयात्रियों की मांसपेशियां में कमी आने लगती है और वह कमजोर हो जाते हैं. इसे लेकर अध्यन किया जाएगा और इसका इलाज निकाला जाएगा.
फसलों से जुड़ा है एक्सपेरिमेंट
शुभांशु का दूसरा एक्सपेरिमेंट फसलों के बीज से जुड़ा है. वहां पर वह यह पता लगाएंगे कि माइक्रोग्रैविटी का बीजों के जेनेटिक गुणों पर क्या असर पड़ता है.
तीसरा रिसर्च
तीसरा रिसर्च आधे मिलीमीटर से छोटे जीव टार्डीग्रेड्स पर होना है. शुभांशु यह स्टडी करेंगे कि अंतरिक्ष में इस छोटे से जीव के शरीर पर क्या असर पड़ता है. टार्डीग्रेड्स को दुनिया का सबसे कठोर और सहनशील जीव के रूप में माना जाता है.
चौथा रिसर्च
शुभांशु के चौथे रिसर्च माइक्रोएल्गी यानी सूक्ष्म शैवाल पर किया जाएगा. यह पता लगाया जाएगा कि माइक्रोएल्गी का माइक्रोग्रैविटी पर क्या असर पड़ेगा. इतना ही इसके साथ मूंग और मेथी के बीजों का भी अध्यन किया जाएगा. इसके साथ कई और रिसर्च हैं जो वहां पर किए जाने हैं.
भावुक हुए पिता
इस दौरान जब शुभांशु शुक्ला वहां पर पहुंचे तो उनके माता-पिता दोनों की लाइव प्रसारण देख रहे थे. इस दौरान दोनों भावुक हो गए. उनके पिता ने कहा कि हमें बहुत खुशी है. सफल डॉकिंग हुई है इसके लिए हम भगवान का आभार व्यक्त करते हैं. हमें ये देख कर बहुत अच्छा लगा. हमें अपने बच्चे पर गर्व है.