US Deported Indians: सरकार ने गुरुवार को बताया कि जनवरी से अब तक अमेरिका ने कम से कम 2,790 भारतीय नागरिक को वापस भेजा है, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे.
31 October, 2025
US Deported Indians: अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्ता संभालने के बाद अवैध रूप से रहे लोगों के खिलाफ मुहीम चलाई, जिसके तहत सभी अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजा गया. इसी प्रकार अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को भी भारत भेजा, जिनकी संख्या चौंकाने वाली है. केंद्र सराकार ने गरुवार को जानकारी दी कि अमेरिका ने अवैध रूप से रह रहे 2,790 भारतीय नागरिकों को वापस भेज दिया है.
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
सरकार ने गुरुवार को बताया कि जनवरी से अब तक अमेरिका ने कम से कम 2,790 भारतीय नागरिक को वापस भेजा है, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रश्न के उत्तर में अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में यह संख्या साझा की. उन्होंने कहा, “इस साल जनवरी से अब तक लगभग 2,790 से ज़्यादा भारतीय नागरिक ऐसे हैं जो इन मानदंडों को पूरा नहीं करते थे. वे वहां अवैध रूप से रह रहे थे. हमने उनकी पहचान और उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की और वे वापस लौट आए हैं. कल यानी 29 अक्टूबर तक यही स्थिति थी.”
ब्रिटेन से भी आए 100 से अधिक भारतीय
जायसवाल से इस साल अब तक ब्रिटेन से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या के बारे में भी पूछा गया. जायसवाल ने कहा, “ब्रिटेन से इस साल लगभग 100 भारतीय नागरिकों को उनकी राष्ट्रीयता की विधिवत पुष्टि के बाद निर्वासित किया गया है.” गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन इस साल की शुरुआत से ही अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है. इसी कार्रवाई के तहत, भारतीय नागरिकों को बीच-बीच में पहचान के बाद निर्वासित किया जा रहा है. ब्रिटेन में भी बड़े पैमाने पर आव्रजन विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं.
अवैध प्रवासियों पर विवाद
बता दें, इस साल फरवरी में अमेरिका से 104 अवैध प्रवासियों को भारत वापस भेजा गया, तब भारत में जमकर हंगामा हुआ था. डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के साथ अमेरिकी सरकार की ओर से किए गए व्यवहार पर भारत में रोष देखने को मिला. अमेरिकी अधिकारियों ने प्रवासियों को बेडियों में बांधकर भारत पहुंचाया था. इस तरह के व्यवहार पर विपक्ष ने सरकार पर हमला किया और मांग की कि वे इसके खिलाफ अमेरिकी सरकार से बात करें.
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