Vande Bharat Sleeper: देश में पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अगले महीने से पटरी पर दौड़ने लगेगी. इससे लंबी दूरी के यात्रियों को रात में सफर करने में आसानी होगी.
Vande Bharat Sleeper: देश में पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अगले महीने से पटरी पर दौड़ने लगेगी. इससे लंबी दूरी के यात्रियों को रात में सफर करने में आसानी होगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्री सुविधा में सुधार के लिए मामूली तकनीकी काम चल रहा है. पूरी ट्रेन अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली से लैस होगी.अपडेटेड ट्रेन अगले महीने लॉन्च की जाएगी. रेल मंत्री ने कहा कि पहले रेक के परीक्षण के बाद बोगी और सीटों में मामूली बदलाव का सुझाव दिया गया था, जिसे अब संशोधित किया जा रहा है. रेल मंत्री वैष्णव ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पहले रेक के परीक्षण के दौरान जो भी कमियां सामने आईं, हम उन्हें पहली और दूसरी ट्रेन में संशोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हम यात्री आराम के उच्च मानकों को बनाए रखना चाहते हैं.
रेलवे सुरक्षा आयुक्त की देखरेख में व्यापक परीक्षण
यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हम शॉर्टकट में विश्वास नहीं करते क्योंकि हमें अगली पीढ़ी के लिए एक अच्छा उत्पाद बनाना है. रूट और लॉन्च की संभावित तारीख के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि हम दिसंबर में ट्रेन लॉन्च करेंगे. भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML), जो 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण कर रही है, के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पहली ट्रेन एक प्रोटोटाइप, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) व रेलवे सुरक्षा आयुक्त की देखरेख में व्यापक परीक्षण और परीक्षणों के बाद रेक में सुधार के लिए उनके पास है. चूंकि यह एक प्रोटोटाइप है, इसलिए सभी सुरक्षा और आराम मापदंडों पर ट्रेन का परीक्षण करना बहुत स्वाभाविक है. एक BEML अधिकारी ने कहा कि सुझाए गए संशोधनों और गहन परीक्षण के बाद पहला रेक हमारे पास वापस आ गया है.
आपातकालीन अलार्म बटन पर खास ध्यान
विशेष रूप से रेल मंत्रालय ने 28 अक्टूबर को आरडीएसओ को एक लिखित बयान में भविष्य में सुधार के लिए कुछ संशोधनों के साथ वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरुआत के लिए अपनी मंजूरी दे दी. इनमें आर्क फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस (आग लगने से बचाने के लिए) का प्रावधान, एसी डक्ट का स्थानांतरण, सीसीटीवी के लिए अग्नि-बचाव केबल का प्रावधान, अग्नि सुरक्षा (EN 45545) और क्रैशवर्थनेस (EN 15227) के लिए यूरोपीय मानकों का तृतीय-पक्ष ऑडिट शामिल है. 28 अक्टूबर के पत्र में कहा गया है कि आपातकालीन अलार्म बटन और उसका संकेत बोर्ड ऊपरी बर्थ कनेक्टर कंसोल के पीछे छिपा हुआ पाया गया है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों को इसका उपयोग करने में काफी दिक्कत होगी. इसलिए भविष्य के उत्पादन में इसे उपयुक्त रूप से सुलभ स्थान पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है. 28 अक्टूबर को आरडीएसओ के साथ-साथ सभी जोनल रेलवे को संबोधित एक अन्य पत्र में मंत्रालय ने ट्रेन में साज-सज्जा और कारीगरी संबंधी मुद्दों को चिह्नित किया.
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