Bangladesh Mob Lynching: बांग्लादेश में हिंदू युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. हिंदू युवक का नाम दीपू चंद्र दास था. दीपू की हत्या से पूरे देश में हिंदू संगठनों में उबाल है.
Bangladesh Mob Lynching: बांग्लादेश में हिंदू युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. हिंदू युवक का नाम दीपू चंद्र दास था. दीपू की हत्या से पूरे देश में हिंदू संगठनों में उबाल है. देश भर में युनुस सरकार के खिलाफ हिंदू संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा. दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कोलकाता में भी हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन कर हिंदू युवक की हत्या पर अपना विरोध जताया. आइए जानते हैं कौन थे Dipu Chandra Das? जिन्हें ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. इसके बाद जला दिया.
बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के रहने वाले थे दीपू चंद्र
दीपू चंद्र दास (Dipu Chandra Das) बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका डुबालिया पाड़ा कस्बे के रहने वाले थे. उनकी उम्र 25 वर्ष थी. वह हिंदू समुदाय से थे. दीपू वहां स्क्वायर मास्टरबारी इलाके में स्थित पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री में वर्कर थे. फैक्ट्री में कपड़े बनाए जाते थे. वह फैक्ट्री में करीब छह साल से काम कर रहे थे. बताया जाता है कि विश्व अरबी भाषा दिवस के अवसर पर 18 दिसंबर को फैक्ट्री में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान दीपू चंद्र दास ने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की. इस टिप्पणी से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया और गुस्साई भीड़ ने उसी दिन यानी 18 दिसंबर को ही पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. साथियों का कहना था कि अगर फैक्ट्री प्रबंधन समय रहते पुलिस को सूचना दे देता, तो दीपू की जान बच सकती थी. साथियों ने बताया कि फैक्ट्री के सुपरवाइजर ने दीपू से इस्तीफा देने को कहा, लेकिन जब उसने इस्तीफा देने से मना किया तो जबरदस्ती इस्तीफा लिखवा लिया गया. इसके बाद फैक्ट्री से दीपू को बाहर निकाल दिया गया. फैक्ट्री से बाहर आते ही दीपू उग्र इस्लामी भीड़ के हत्थे चढ़ गया. भीड़ ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी. फिर आग के हवाले कर दिया. इस घटना ने वहां रह रहे हिंदू परिवारों में दहशत को और बढ़ा दिया है. अब वे बांग्लादेश छोड़कर कहीं और शरण लेने की सोच रहे हैं.

सोशल मीडिया से मिली परिवार को जानकारी
हालांकि रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. घटना के बाद मृतक दीपू चंद्र दास के पिता रविलाल दास ने कहा कि उनके परिवार को इस घटना की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया के माध्यम से मिली. संदिग्धों की पहचान मोहम्मद लिमोन सरकार (19), मोहम्मद तारेक हुसैन (19), मोहम्मद माणिक मिया (20), इरशाद अली (25), निजुम उद्दीन (26) अलोमगीर हुसैन (38) और मोहम्मद मिराज हुसैन एकॉन (46) के रूप में की गई है. दीपू चंद्र दास के पिता ने कहा कि उनका परिवार अब बांग्लादेश में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें भारत सरकार की तरफ से कोई मदद मिलती है तो वे अपना सब कुछ छोड़कर हिन्दुस्तान आना चाहेंगे. उधर, दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद (VHP) व बजरंग दल समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान बांग्लादेश उच्चायोग में अफरा-तफरी मच गई.
बांग्लादेश उच्चायोग के पास तोड़ा बैरिकेड
जबकि कोलकाता में विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद के समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या के विरोध में भगवा झंडे लहराते और नारे लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सैकड़ों समर्थकों ने मंगलवार को किलेबंद बांग्लादेश उच्चायोग के पास बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिस से झड़प की. प्रदर्शनकारियों ने कई बैरिकेड तोड़ दिए, जबकि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. प्रदर्शनकारी बांग्लादेश सरकार के खिलाफ निंदात्मक संदेश लिखे बैनर और तख्तियां हवा में लहरा रहे थे. इलाके को पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती के साथ सुरक्षित किया गया था. एक तख्ती पर लिखा था: हिंदू रक्त की एक-एक बूंद का हिसाब चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक हिंदू युवक पर बेरहमी से हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. हम अपनी सरकार से एक हिंदू युवक की हत्या के पीछे शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं.
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