Delhi Teachers Transfer: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 7 जुलाई को मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया कि अंतरिम उपाय के तौर पर उन 5,000 शिक्षकों के ट्रांसफर के आदेश स्थगित रखे जाएं.
08 July, 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 7 जुलाई को शिक्षकों के स्थानांतरण पर अंतरिम रोक लगा दी. पिछले दिनों करीब पांच हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया था, जिसका आधार यह बताया गया था कि एक शिक्षक 10 साल से अधिक एक जगह पर तैनात नहीं रह सकता है. इसके बाद इस निर्णय को लेकर शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की. विवाद बढ़ता इससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल के वीके सक्सेना से उनके कार्यालय में मुलाकात में मुलाकात की, जिसके बाद तबादला स्थगित हो गया.
‘BJP का मनमाना फैसला’
BJP ने शिक्षकों के तबादले के ‘मनमाने’ फैसले के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जबकि AAP नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल के निर्देश का स्वागत करते हुए इसे दिल्लीवासियों की जीत बताया और सामूहिक तबादले के आदेश के पीछे BJP की साजिश का आरोप लगाया.
आतिशी ने फैसले का किया स्वागत
आतिशी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा- ‘दिल्लीवालों का संघर्ष सफल हुआ. दिल्ली सरकार के स्कूलों को बर्बाद करने का BJP का षड्यंत्र विफल हो गया. 2 जुलाई को BJP ने उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ा रहे 5000 शिक्षकों का रातोंरात तबादला करवा दिया था. शिक्षा क्रांति को चोट पहुंचाने के इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे.
‘शिक्षा नीति को खत्म करना चाहती है BJP’
इस मामले पर राजनीति गरमा गई है. आतिशी ने कहा कि आज दिल्ली के लोगों की जीत हुई है, LG साहब को अपना ये आदेश वापस लेना पड़ा है. यह BJP के लिए भी संदेश है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के खिलाफ षड्यंत्र करना बंद कर दे. आतिशी के दावों के बारे में पूछे जाने पर BJP प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने बिना सोचे-समझे तबादला आदेश जारी कर दिया और शिक्षकों के विरोध के बाद बहाने बनाने शुरू कर दिए.
5000 शिक्षकों का तबादला, चिंता का विषय
BJP सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 5000 शिक्षकों के तबादले के आदेश जारी किए. इतनी बड़ी संख्या में तबादले चिंता का विषय थे, जिसके बारे में शिक्षक अपने-अपने सांसदों के पास गए. हमने इस बारे में उप-राज्यपाल से चर्चा की और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इस संबंध में एक नीति बनाई जाएगी.
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