Bihar Election: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी.
Bihar Election: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. इनमें से पांच अन्य इंडिया ब्लॉक घटकों के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से कुछ घंटे पहले सूची जारी की गई. इसने अफवाहों पर विराम लगा दिया कि राजद कुटुम्बा सीट पर चुनाव लड़ने जा रहा था, जो वर्तमान में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम के पास है, जिससे दोनों सहयोगियों के बीच पूर्ण टकराव हो सकता था. बहरहाल पार्टी वैशाली, लालगंज और कहलगांव में कांग्रेस के खिलाफ और तारापुर व गौरा बोराम में पूर्व राज्य मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी. उम्मीदवारों में तेजस्वी यादव (राघोपुर), आलोक मेहता (उजियारपुर), मुकेश रौशन (महुआ) और अख्तरुल इस्लाम शाहीन (समस्तीपुर) प्रमुख हैं. ये सभी अपनी मौजूदा सीटों को बचाएंगे. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के नजदीकी सहयोगी भोला यादव, जिन्होंने 2015 में बहादुरपुर सीट भी जीती थी, लेकिन पांच साल बाद पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडी(यू) के हाथों यह सीट खो दी. वे मंत्री मदन सहनी से इसे वापस छीनने की कोशिश करेंगे.
पूर्व शिक्षा मंत्री मधेपुरा से मैदान में
पूर्व स्पीकर अवध बिहारी चौधरी, जिन्हें पिछले साल लोकसभा चुनाव में सीवान से चुनाव लड़ने पर जेडी (यू) के एक नए चेहरे ने हरा दिया था, को उसी मौजूदा सीवान विधानसभा सीट से लड़ने की अनुमति दी गई है. पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, जो हिंदू धर्मग्रंथों पर अपने विवादास्पद विचारों के लिए चर्चा में रहे हैं, उन्हें भी उनकी मौजूदा सीट मधेपुरा से मैदान में उतारा गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में “एमवाई” (मुस्लिम-यादव) समर्थन आधार को ध्यान में रखा है, हालांकि अन्य पिछड़ी जातियों और उच्च जातियों को भी टिकट दिए गए हैं. प्रमुख विपक्षी दल इस बात पर भी गर्व कर सकता है कि उसने 21 महिलाओं को मैदान में उतारा है, जो उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वियों जेडी(यू) और भाजपा से कहीं अधिक है. सत्तारूढ़ एनडीए के दो मुख्य घटक दल जेडी(यू) और बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.
ओसामा शहाब रघुनाथपुर से आजमा रहे भाग्य
अपने आलोचकों द्वारा सत्ता में रहते हुए जंगल राज लाने का आरोप लगाए जाने के बावजूद आरजेडी ने छवि बदलने के बजाय व्यावहारिक राजनीति को तरजीह दी है. डॉन से नेता बने बोगो सिंह (मटिहानी) खुद मैदान में हैं, जबकि ओसामा शहाब को रघुनाथपुर से पदार्पण करके अपने दिवंगत पिता मोहम्मद शहाबुद्दीन की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका दिया गया है, जो सीवान लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. जहां से उनके दिवंगत पिता आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित होने तक अपराजित रहे थे. महिलाएं भी अपने बाहुबली पतियों और पिताओं की विरासत को आगे बढ़ाने में पीछे नहीं हैं. गैंगस्टर से नेता बने सूरजभान सिंह की पत्नी पूर्व सांसद वीणा देवी मोकामा में अपने पति के कट्टर प्रतिद्वंद्वी अनंत सिंह को चुनौती देंगी. लंदन से कानून की डिग्री लेने वाली शिवानी शुक्ला भी मोकामा से चुनाव मैदान में हैं. लालगंज, जिसे दो बार उसके पिता मुन्ना शुक्ला, जो उत्तर बिहार के सबसे खूंखार गैंगस्टरों में से एक है, ने जीता है, और एक बार उसकी मां अन्नू शुक्ला ने जीता है.
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