कांग्रेस नेता जयराम रमेश, सचिन पायलट और पवन खेड़ा ने महंगाई और जाति जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है.
Congress Slams Modi Govt on Caste Census: कांग्रेस ने जनगणना की अधिसूचना जारी होते ही केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार को घेर रहे हैं. इस कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर दो तस्वीरें पोस्ट कीं. इस पोस्ट के कैप्शन में पवन खेड़ा ने लिखा, “फोटो 1 – तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने जाति जनगणना की घोषणा की, जिसमें ‘जाति’ शब्द का तीन बार उल्लेख किया गया है. फोटो 2 – केंद्र की मोदी सरकार ने जनगणना (जाति जनगणना मानी जाने वाली) की घोषणा की, जिसमें ‘जाति’ शब्द का उल्लेख तक नहीं किया गया है.”
क्या बोले सचिन पायलट?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी जाति जनगणना के मुद्दे पर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने जो कहा, उसे कांग्रेस ने भी एक्स पर पोस्ट किया है. सचिन पायलट ने कहा, “कांग्रेस पार्टी और नेता विपक्ष राहुल गांधी जी ने लंबे समय से मांग रखी थी कि देश में जब भी जनगणना हो, उसमें जातिगत जनगणना कराई जाए. राहुल गांधी जी ने यह मांग लगातार सड़क से लेकर संसद तक उठाई है. इस मांग का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब हमारे पास आंकड़े होंगे, तभी हम देश के हर वर्ग, हर व्यक्ति को नीति निर्माण से जोड़ सकेंगे और उन्हें इसका फायदा मिल पाएगा.
जातिगत जनगणना का उद्देश्य यह भी जानना है कि
देश में अलग-अलग वर्ग के लोग किन स्थितियों में रह रहे हैं?
लोग सरकार की योजनाओं का लाभ ले पा रहे हैं या नहीं?
लोगों की देश और संस्थाओं में कितनी भागीदारी है?
देश के लोगों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति क्या है?
BJP और पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा कि जातिगत जनगणना की मांग उठाने वाले लोग अर्बन नक्सल हैं. मोदी सरकार ने संसद में जवाब दिया कि हम जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार ने अचानक हमारी मांग को मानते हुए जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया। हालांकि, अब एक बार फिर से जातिगत जनगणना कराने की बात से पीछे हटने को लेकर हमें सरकार की नीयत पर शक है.”
जयराम रमेश ने साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है. जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “देश में लोगों की बचत घट रही है, कर्ज बढ़ रहा है! इसका मतलब बड़ा स्पष्ट है कि एक तरफ महंगाई बढ़ रही है, दूसरी तरफ लोगों की आय घट रही है. नतीजतन लोग अपना गुजारा करने के लिए या तो पहले से की गई बचत को निकलवाकर गुजारा कर रहे हैं या कर्ज लेकर गुजर-बसर करने पर मजबूर हैं. लब्बोलवाब यह है कि भारत में आम लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद चिंताजनक है, लेकिन मोदी सरकार बिलकुल बेपरवाह है! स्पष्ट बात है कि मोदी सरकार ने जो अच्छे दिन लाने का वादा किया था, वो अच्छे दिन के बजाय कर्ज वाले दिन आ गए हैं.”
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