कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तकनीक का इस्तेमाल और इजरायल-ईरान युद्ध का जिक्र करके मोदी सरकार पर निशाना साधा है. हालांकि, अभी बीजेपी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
Jairam Ramesh Slams BJP: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एकबार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके मोदी सरकार को घेरा है. तकनीक के इस्तेमाल का जिक्र कर जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर वार किया.
क्या बोले जयराम रमेश?
जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “मोदी सरकार व्यवस्थित तरीके से तकनीक का इस्तेमाल देश के सबसे वंचित तबकों को सामाजिक कल्याण के योजनाओं से मिलने वाले अधिकारों से वंचित करने के लिए कर रही है. पहले, आधार को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर करोड़ों मजदूरों को मनरेगा से बाहर कर दिया गया. एसिड अटैक सर्वाइवर्स को सिर्फ आधार में नाम जुड़वाने के लिए अदालत में लड़ाई लड़नी पड़ी. देश भर के आदिवासी आज भी तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से अपने राशन से वंचित रह जाते हैं. अब, गर्भवती महिलाओं के सामने एक और बाधा खड़ी कर दी गई है- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले बुनियादी और कानूनी अधिकारों के लिए अब फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) अनिवार्य कर दी गई है. दुनियाभर में इस बात के सबूत हैं कि FRT जैसी तकनीक त्वचा का रंग और वर्ग के आधार पर भेदभाव करती हैं. इससे पहले भी आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS), नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) ऐप जैसी तकनीक के विफल और रुकावट पैदा करने के सबूत सामने आ चुके हैं. संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति की 365वीं रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था कि कैसे ABPS को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लागू करने से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लाभ मिलना बाधित हुआ. इसका नतीजा ये हुआ कि जिस योजना के तहत 2019-20 में 96 लाख महिलाओं को भुगतान मिला था, वो घटकर 2023-24 में सिर्फ 27 लाख रह गया. डिजिटल इंडिया का मकसद सशक्तिकरण होना चाहिए, न कि अधिकार छीनना. भाषण समावेश का, व्यवहार बहिष्कार का- ये बात नहीं होनी चाहिए.”
ईरान का जिक्र करते हुए क्या कहा?
जयराम रमेश ने एक अन्य एक्स पोस्ट में ईरान का भी जिक्र किया. जयराम रमेश ने लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप का ईरान पर अमेरिकी वायुशक्ति के प्रयोग का निर्णय ईरान के साथ वार्ता जारी रखने के उनके अपने बयान को हास्यास्पद बनाता है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और वार्ता की पूर्ण अनिवार्यता को दोहराती है. इस मुद्दे पर भारत सरकार को अपेक्षाकृत अधिक नैतिक साहस का प्रदर्शन करना चाहिए. मोदी सरकार ने अब तक न तो अमेरिकी बमबारी और इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए आक्रमणों, हवाई हमलों तथा लक्षित हत्याओं की स्पष्ट रूप से आलोचना की है और न ही निंदा की है. बल्कि मोदी सरकार ने तो गाजा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार पर भी गहरी चुप्पी साध रखी है.”
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