Home Latest नमन कर मुख्यमंत्री योगी ने शिक्षाविद्, राष्ट्र निर्माता और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया याद

नमन कर मुख्यमंत्री योगी ने शिक्षाविद्, राष्ट्र निर्माता और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को किया याद

by Sanjay Kumar Srivastava
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसी दिन 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी.

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. योगी ने उन्हें भारत माता का महान सपूत, एक दूरदर्शी राजनीतिक नेता और एक कट्टर राष्ट्रवादी बताया.योगी ने कहा कि श्यामा प्रसाद ने अखंड भारत के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. योगी ने भाजपा के विचारक मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर लखनऊ में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में भाग लिया. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हुए. सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष और भारत माता के महान सपूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है.

राष्ट्रीय एकता के लिए दी थी अपने प्राणों की आहुति

आदित्यनाथ ने कहा कि इसी दिन 1953 में उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. मुखर्जी को दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्र निर्माता कहते हुए सीएम ने स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला, जहां उन्होंने देश के औद्योगिक और खाद्य नीति ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. आदित्यनाथ ने याद किया कि मुखर्जी ने राष्ट्रीय अखंडता से समझौता करने के प्रयासों का विरोध करने के बाद जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. खासकर कश्मीर पर.

श्यामा प्रसाद ने अनुच्छेद 370 का किया था विरोध

आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने उस समय जम्मू और कश्मीर में लगाए गए अनुच्छेद 370 और परमिट प्रणाली का कड़ा विरोध किया था. जब 1950 में संविधान लागू हुआ और 1952 के चुनावों के बाद अनुच्छेद 370 पेश किया गया, तो मुखर्जी ने ‘एक राष्ट्र, एक नेता, एक कानून’ कहते हुए अपनी आवाज उठाई. सीएम योगी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बिना अनुमति के कश्मीर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद हिरासत में 23 जून 1953 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गई.

सबसे कम उम्र के बने थे कुलपति

सीएम ने कहा कि एकीकृत भारत के उनके सपने को साकार करने में 65-66 साल लग गए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को आखिरकार निरस्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर अब भारत के संवैधानिक मूल्यों के साथ जुड़ गया है और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की दृष्टि को साकार कर रहा है. 6 जुलाई 1901 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ था. एक बैरिस्टर और शिक्षाविद, वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने.

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