दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इमरजेंसी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. सीएम रेखा गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया.
Delhi CM Rekha Gupta Attacks Congress: आपातकाल के मुद्दे पर हर गुजरते दिन के साथ बीजेपी नेताओं के हमले तेज होते जा रहे हैं. इस कड़ी में अब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा है. बता दें कि आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर भी बीजेपी के तमाम नेताओं और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कहा कि आपातकाल ने पूरे देश को जेल में बदल दिया था, जहां नागरिक स्वतंत्रता निलंबित कर दी गई थी और विपक्षी नेताओं को बिना किसी सुनवाई के जेल में डाल दिया गया था. सीएम रेखा गुप्ता की यह टिप्पणी भाजपा की महिला मोर्चा द्वारा आपातकाल के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित मॉक पार्लियामेंट कार्यक्रम के दौरान आई.
कांग्रेस पर साधा निशाना
संविधान का जिक्र कर सीएम रेखा गुप्ता ने कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा, “संविधान को जेब में रखने वाले लोगों को मालूम होना चाहिए कि उनके शासन में ही संविधान की हत्या की गई थी. इंदिरा गांधी के शासन में, सत्ता की एक सीट की रक्षा के लिए सभी अधिकार छीन लिए गए थे.” उन्होंने शाहबानो मामले का भी उदाहरण दिया कि कैसे राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक सिद्धांतों से समझौता किया गया. बता दें कि सीआरपीसी की धारा 125 के धर्मनिरपेक्ष प्रावधान के तहत मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण मिलने का विवादास्पद मुद्दा 1985 में राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया था, जब मोहम्मद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम मामले में संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था कि मुस्लिम महिलाएं भी भरण-पोषण पाने की हकदार हैं.
क्या बोलीं सीएम रेखा गुप्ता?
सीएम रेखा गुप्ता ने आपातकाल के दिनों (1975-77) का जिक्र करते हुए कहा, “एक समय था जब पूरा देश एक बड़ी जेल बन गया था. किसी को भी कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता था. सभी विपक्षी नेता सलाखों के पीछे थे.” उन्होंने कहा, “कुछ लोग पूछते हैं कि हम हर 25 जून को आपातकाल को क्यों याद करते हैं. यह ‘रामलीला’ की तरह है, जो हमें रावण न बनने की याद दिलाने के लिए हर साल की जाती है. हम आपातकाल को इसलिए याद करते हैं ताकि कोई नेता या सरकार इसे दोहराने की हिम्मत न करे.” मुख्यमंत्री ने महिला राजनीतिक कार्यकर्ताओं से अतीत और वर्तमान दोनों राजनीतिक घटनाओं के बारे में खुद को शिक्षित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “हमें, महिलाओं के रूप में, राजनीतिक रूप से क्या हो रहा है और पहले क्या हुआ है, इसके संदर्भ को समझना चाहिए. तभी हम आम लोगों की समस्याओं से सही मायने में जुड़ सकते हैं.”
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