Sonbhadra Mine Collapse: सोनभद्र में खुदाई के दौरान पत्थर की खदान ढह गई, जिसमें 12 से 15 लोग फंस गए. अब तक चार मजदूरों के शव बाहर निकाले गये हैं.
17 November, 2025
Sonbhadra Mine Collapse: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया. सोनभद्र में खुदाई के दौरान पत्थर की खदान ढह गई, जिसमें 12 से 15 लोग फंस गए. वहीं अब तक चार मजदूरों के शवों को बाहर निकाला गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह यहां ढही एक पत्थर की खदान के मलबे से 30 वर्षीय एक खदान मज़दूर का शव बरामद किया गया. कई और लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं. उत्तर प्रदेश के मंत्री और स्थानीय विधायक संजीव कुमार गोंड ने कहा कि मलबे में “करीब एक दर्जन मजदूर” दबे हो सकते हैं.
40 घंटों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
वाराणसी ज़ोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया ने कहा कि मलबा हटाने के प्रयास जारी हैं. पुलिस ने मृतक मज़दूर की पहचान उसी जिले के पनारी गांव के राजू सिंह के रूप में की है. एडीजी ने कहा कि मलबा हटाने में समय लग रहा है क्योंकि इसमें कई भारी पत्थर शामिल हैं. सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक वर्मा ने बताया कि उन्हें शनिवार शाम लगभग 4.30 बजे ओबरा पुलिस स्टेशन पर खदान ढहने की सूचना मिली. फोन करने वाले ने बताया कि कृष्णा माइनिंग वर्क्स द्वारा संचालित एक पत्थर की खदान का एक हिस्सा ढह जाने से कई मज़दूर मलबे में दब गए.
तीन के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परसोई टोला निवासी छोटू यादव की शिकायत पर पुलिस ने कृष्णा माइनिंग वर्क्स के मालिक और उसके व्यापारिक साझेदारों, मधुसूदन सिंह और दिलीप केशरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. छोटू यादव ने बताया कि उसके दो भाई मलबे में दबे हुए हैं. तीनों को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है. मोर्दई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस की टीमें बचाव अभियान चला रही हैं. शनिवार को, जिला मजिस्ट्रेट बी एन सिंह ने कहा कि खदान के अंदर ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग के दौरान एक बड़ा पत्थर अचानक गिर गया, जिससे मज़दूर अंदर फंस गए. गोंड ने कहा कि खदान की वैधता की जांच की जाएगी.
अवैध खनन का आरोप
समाजवादी पार्टी के सांसद छोटेलाल खरवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से माफिया द्वारा खदान को अवैध रूप से चलाया जा रहा था. उन्होंने कहा, “संभावना है कि 12 से 15 लोग पत्थरों के नीचे दबे हों. आदिवासियों की कई तरह से हत्याएं हो रही हैं और इस इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. इस इलाके में हर महीने एक-दो ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन खनन माफिया सब कुछ कैसे संभालते हैं, यह किसी को पता नहीं है.”
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