Punjab Floods: अकाली दल और कांग्रेस का हमला यह साफ करता है कि इस त्रासदी ने केवल लोगों को ही नहीं डुबोया, बल्कि आम आदमी पार्टी सरकार को भी गहरे राजनीतिक संकट में खड़ा कर दिया है.
Punjab Floods: पंजाब में ब्यास, सतलुज और रावी नदियों का पानी उफान पर है, दर्जनों गांव पानी में डूबे हुए हैं, फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और लोग खाने-पीने की चीज़ों के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में सूबे की राजनीति भी गरमा गई है. शिरोमणि अकाली दल (SAD) और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर ‘प्रशासनिक विफलता और शर्मनाक लापरवाही’ के आरोप लगाते हुए सीधा हमला बोला है.
अकाली दल का हमला: ‘सरकार सो रही है, लोग डूब रहे हैं’
SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का में ब्यास और सतलुज ने तबाही मचा दी है. सुल्तानपुर लोधी और आसपास के 25 से अधिक गांव डूब चुके हैं, मंड क्षेत्र में 20 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार “गंभीर स्थिति को नज़रअंदाज़ कर रही है” और तुरंत राहत कार्य शुरू करने की मांग की.
चीमा ने चेताया कि अगर दवाइयां, पीने का पानी और पशुओं के लिए चारा तुरंत उपलब्ध नहीं कराया गया, तो महामारी फैलने का खतरा है. उन्होंने किसानों को एडहॉक मुआवज़ा देने और पशुधन-घरों के नुकसान का आकलन करने की भी मांग रखी.
कांग्रेस का प्रहार: “AAP सरकार नदारद, जनता बेसहारा”
कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भी बाढ़ प्रबंधन को लेकर भगवंत मान सरकार पर करारा हमला बोला. बाजवा ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश और बांधों से ‘लापरवाही भरे पानी के छोड़े जाने’ की वजह से हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन पानी में समा गई है. उन्होंने कहा, ‘हालात बेकाबू हो रहे हैं. होशियारपुर, कपूरथला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन के हालात बेहद खराब हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, तटबंध टूट रहे हैं और सरकार कहीं नजर नहीं आ रही.’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ग्रामीण ‘अपनी जान बचाने के लिए खुद संघर्ष कर रहे हैं’, जबकि प्रशासन पूरी तरह नाकाम है.
बाढ़ से बिगड़े हालात, राहत नाकाफी
सूत्रों के अनुसार, ब्यास और सतलुज के साथ-साथ घग्गर नदी और रंजीत सागर डैम से छोड़े गए पानी ने पटियाला और गुरदासपुर के कई इलाकों में तबाही मचाई है. बिजली कटौती, गांवों का संपर्क टूटना और जगह-जगह जमा पानी से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. फसलों की बर्बादी से किसान निराश हैं और गांवों में पीने का पानी, दवाइयों और राहत सामग्री की भारी कमी है.
पंजाब में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि जब लोग जान और माल की लड़ाई लड़ रहे हैं, तब सरकार कहां है? अकाली दल और कांग्रेस का हमला यह साफ करता है कि इस त्रासदी ने केवल लोगों को ही नहीं डुबोया, बल्कि आम आदमी पार्टी सरकार को भी गहरे राजनीतिक संकट में खड़ा कर दिया है.
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