Mamata Banerjee: कोलकाता में बारिश की वजह से कई जानें जा चुकी हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को बड़ी राहत दी है. उन्होंने रोजगार के साथ-साथ लाखों रुपये देने का वादा किया है.
24 September, 2025
Mamata Banerjee: कोलकाता में बारिश ने इस बार खुशियों की फुहार नहीं, बल्कि दुख की बूंदें बरसाई हैं. भारी बारिश और जलभराव के बीच खुले बिजली के तारों ने शहर में ऐसा कहर ढाया कि करीब 10 लोगों की जान चली गई. इनमें से 9 लोगों की मौत सिर्फ करंट लगने से हुईं है. इस ट्रेजेडी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत की घोषणा की है. दरअसल, दक्षिण कोलकाता में दुर्गा पूजा की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार मरने वालों के घरवालों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी. इतना ही नहीं, सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी कि हर पीड़ित परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दी जाए. ममता ने लोगों से साफ कहा है कि “पैसा जान की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है.”

परिवारों को राहत
यही नहीं, ममता बनर्जी ने सीईएससी (Calcutta Electric Supply Corporation) से अपील की कि वो भी करंट लगने से मारे गए लोगों की फैमिली को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दे, क्योंकि ये हादसे उनकी लापरवाही का ही नतीजा हैं. मुख्यमंत्री ममना बनर्जी ने कहा कि वो खुद दो दिनों से हालात पर नज़र रखे हुए हैं. शहर के ज्यादातर हिस्सों से पानी निकल चुका है, लेकिन निचले इलाकों में अब भी परेशानी बनी हुई है. उन्होंने बताया कि कई दशकों से जलमार्गों की ड्रेजिंग नहीं होने की वजह से हर बार बारिश का पानी और गंगा का वॉटर लेवल मिलकर कोलकाता को डुबो देता है.
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नेचर हमारे हाथ में नहीं!
ममता बनर्जी ने कहा कि प्रकृति हमारे हाथ में नहीं है. कोलकाता पोर्ट, फरक्का बैराज और मैथन में पिछले 20 सालों से ड्रेजिंग नहीं हुई है. जब बिहार और उत्तर प्रदेश में बारिश होती है, तो उसका पानी बंगाल में आता है और हमें सब कुछ खुद ही संभालना पड़ता है. दरअसल, मंगलवार रात से हुई भारी बारिश ने महानगर को रोक सा दिया है. बारिश की वजह से सड़कों पर नदी जैसे हालात बन गए, ट्रैफिक घंटों रुका रहा और हजारों लोग बीच रास्ते में फंसे रहे.

ममता ने बढ़ाया मदद का हाथ
बारिश ने भले ही आम लोगों की जिंदगियों को अस्त-व्यस्त कर दिया हो, लेकिन ममता बनर्जी की इस राहत भरी घोषणा ने शोक में डूबे परिवारों को राहत की किरण दिखाई है. अब देखना होगा कि सीईएससी उनकी अपील पर कितना अमल करता है और पीड़ित परिवारों तक मदद कब पहुंचती है?
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