ऊर्जा सचिव ने कहा कि यह देश की सबसे प्रगतिशील नीतियों में से एक है. बिहार न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व करेगा, बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगा.
New Delhi: बिहार के ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति में न केवल 1.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने की क्षमता है, बल्कि इससे राज्य भर में रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे. सूबे में इस सप्ताह की शुरुआत में ही ‘बिहार नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की नीति 2025’ लॉन्च की गई है. नीति के प्रमुख उद्देश्य आरई और भंडारण परियोजनाओं के विकास के लिए नई और कुशल तकनीकों को बढ़ावा देना है.
देश भर के निवेशकों को आकर्षित करेगी यह नीति
पीटीआई के साथ अपने विचार साझा करते हुए सचिव ने कहा कि यह देश की सबसे प्रगतिशील नीतियों में से एक है. बिहार न केवल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व करेगा, बल्कि नेट जीरो के प्रति भारत की प्रतिबद्धता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा. सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक बनने के अलावा यह देश के अगले नवीकरणीय केंद्र के रूप में रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा. अपेक्षित निवेश और रोज़गार के अवसरों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि इस नीति में 1,50,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और 1,25,000 रोज़गार सृजित करने की क्षमता है. निवेशकों के लिए लाभों से संबंधित एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए सचिव ने कहा कि यह नीति देश भर के निवेशकों और डेवलपर्स को आकर्षित करेगी.
बिजली शुल्क पर मिलेगी 100 प्रतिशत छूट
कहा कि इन परियोजनाओं की मंज़ूरी में तेज़ी लाने के लिए एक सुव्यवस्थित एकल-खिड़की मंजूरी प्रणाली और व्यापक वित्तीय लाभ जैसे कि एसजीएसटी, भूमि रूपांतरण शुल्क और भूमि के पट्टे या हस्तांतरण पर स्टांप शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति शामिल है. नीति में 15 वर्षों के लिए बिजली शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट और 25 वर्षों के लिए दीर्घकालिक खुली पहुंच के साथ-साथ ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क से पूर्ण छूट भी प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से राज्य में निवेश करने और नीति का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं. पूरी नीति सार्वजनिक डोमेन में है.
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