Political Attack: प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी ने हत्या के केस से बचने के लिए खुद को नाबालिग बताया. उन्होंने चौधरी की बर्खास्तगी की मांग की.
Political Attack: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को आरोप लगाया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी दशकों पुराने एक हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में खुद को झूठा नाबालिग बताकर मुकदमे से बच निकले हैं. पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा कि चौधरी का हलफनामा, जो 2020 में राज्य विधान परिषद के लिए चुने जाने के समय दायर किया गया था, शीर्ष अदालत के समक्ष उनके पहले के दावे के विपरीत है. किशोर ने उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की. नीतीश कुमार सरकार में वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालने वाले पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी तुरंत टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे. किशोर ने कहा कि हम चौधरी को बर्खास्त करने के लिए कल राज्यपाल से मिलने का समय मांगेंगे. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सहयोगी भाजपा से भी आग्रह करते हैं कि वे अभी कार्रवाई करें अन्यथा वे लोगों के सामने बेनकाब हो जाएंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चौधरी ने 1995 में मुंगेर जिले के अपने पैतृक गांव तारापुर में छह लोगों की हत्या से जुड़े एक मामले में मुकदमे का सामना किया था.
शिल्पी जैन-गौतम सिंह का भी उठाया मामला
किशोर ने आरोप लगाया कि अगर हम चौधरी के 2020 के हलफनामे को देखें, तो उन्होंने उस समय अपनी उम्र 51 साल बताई है. इसे ध्यान में रखते हुए 1995 में उनकी उम्र 20 साल रही होगी. ये तथ्य उन्हें अभियोजन के लिए उत्तरदायी बनाते हैं. उन्होंने कहा कि ये गंभीर आरोप हैं. कहा कि मैं चौधरी को शिल्पी-गौतम हत्याकांड में अपनी भूमिका पर सफाई देने की भी चुनौती देता हूं, जिसे कई लोग केवल साधु यादव के लिए याद करते हैं. शिल्पी जैन और गौतम सिंह 1999 में एक कार के अंदर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाए गए थे, जिससे पूरे पटना में सनसनी फैल गई थी. यह वाहन राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव के घर के पास खड़ा था. हंगामे के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया, जिसने कुछ साल बाद एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें मौत को आत्महत्या का मामला घोषित किया गया. चौधरी उस समय राज्य में मंत्री थे. उनके कैबिनेट पद को उनके पिता शकुनि चौधरी द्वारा समता पार्टी से राजद में शामिल होने के लिए एक इनाम के रूप में देखा गया था.
भ्रष्टाचार पर भी चौधरी को घेरा
जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा कि अगर अशोक चौधरी ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो मैं उनके 500 करोड़ रुपये के वित्तीय अनियमितताओं को सार्वजनिक करूंगा. चौधरी ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें उनसे अपमानजनक टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगने या 100 करोड़ रुपये के हर्जाने के लिए दीवानी मुकदमे का सामना करने को कहा गया है. किशोर ने चौधरी पर 200 करोड़ रुपये के एक अनियमित ज़मीन सौदे में शामिल होने का आरोप लगाया था. किशोर ने कहा कि मुझे अपनी पार्टी चलाने के लिए उन लोगों से धन मिला है जिन्हें मैंने अपने पिछले कार्यकाल में राजनीतिक परामर्श दिया था. तब मैंने उनसे कोई शुल्क नहीं लिया था. मैंने इस धन का उपयोग अपने लिए नहीं, बल्कि अपने गृह राज्य बिहार में एक राजनीतिक विकल्प तैयार करने के लिए किया है. मैंने जो धन जुटाया है, उस पर मैंने जीएसटी भी चुकाया है.
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