इस योजना में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत आई. दुर्गम इलाका होने के कारण नक्सली खतरे के बीच यहां तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण था. अधिकारियों ने कहा कि इन गांवों में ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचाना किसी मिशन से कम नहीं था.
Raipur: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के 17 गांवों को पहली बार बिजली मिली है. यह गांव दुर्गम पहाड़ों और घने जंगलों के बीच बसा है. ग्रामीणों ने कहा कि उनके घर में उजाला होना सपने जैसा है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत इन गांवों के करीब 540 परिवारों को लाभ मिला. इस योजना में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत आई. दुर्गम इलाका होने के कारण नक्सली खतरे के बीच इन इलाकों तक पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण था. अधिकारियों ने कहा कि इन गांवों में ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचाना किसी मिशन से कम नहीं था. गांवों में बल्ब जलाने के लिए सौर ऊर्जा की सुविधा तो थी, लेकिन रखरखाव की समस्या थी.
लैंप से पढ़ाई करने को मजबूर थे बच्चे
अधिकारियों ने बताया कि कई गांवों में सौर पैनल चोरी हो गए, जिससे बच्चों को केरोसिन लैंप के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ा. बिजली ग्रिड से जुड़ने के बाद कटुलझोरा, कट्टापार, बोदरा, बुकमरका, संबलपुर, गट्टेगहन, पुगदा, आमाकोडो, पेटेमेटा, ताटेकासा, कुंडलकल, रायमनहोरा, निंगुडा, मेटाटोडके, कोहकाटोला, एडासमेटा और कुंजाकन्हार गांवों में जश्न मनाया गया. कुछ गांवों में बच्चों ने नृत्य किया, जबकि अन्य में बुजुर्गों ने अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए पटाखे फोड़े. क्योंकि यह वह क्षण था जिसका उन्होंने दशकों से इंतजार किया था. इन 17 गांवों के 540 परिवारों में से 275 को अब तक बिजली कनेक्शन मिल चुका है. एक अधिकारी ने बताया कि शेष घरों को बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने का काम चल रहा है.
चुनौतीपूर्ण था इन दूरदराज गांवों तक बिजली पहुंचाना
परियोजना के तहत तातेकासा में 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है. सरकारी बिजली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए 45 किलोमीटर लंबी 11 केवीए लाइन, 87 निम्न दाब के खंभे और 17 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) हासिल करना और 11 केवीए लाइन बिछाने के लिए उपकरणों को इन दूरदराज के गांवों तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था.
नक्सल प्रभावित बस्तर से लगती हैं इन गांवों की सीमाएं
उन्होंने कहा कि तकनीकी टीम के समर्पित प्रयासों से परियोजना को पूरा करना संभव हो सका. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करना है. क्षेत्र के अन्य गांवों में भी जल्द ही बिजली पहुंचाई जाएगी. राजधानी रायपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिला राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से अपनी सीमाएं साझा करता है.
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