Delhi Police Action: पुलिस ने बताया कि 21 जुलाई को लापता होने के लगभग एक महीने बाद लड़की को उत्तर प्रदेश के शामली से बचाया गया.
Delhi Police Action: करीब एक महीने पहले अपने पिता से विवाद के बाद दिल्ली के भारत नगर से भागी 13 वर्षीय एक लड़की को आरोपियों ने अपने जाल में फंसा लिया. आरोपियों ने पैसे लेकर जबरन उसकी शादी उत्तर प्रदेश के शामली में करा दी. उसके साथ रेप किया गया. पुलिस ने घटना के सिलसिले में शामली निवासी राजीव (40), हापुड़ निवासी विकास (20), मेरठ निवासी आशु (55) और गाजियाबाद निवासी रमनजोत सिंह (24) को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि 21 जुलाई को लापता होने के लगभग एक महीने बाद लड़की को उत्तर प्रदेश के शामली से बचाया गया. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह ने कहा कि लड़की 21 जुलाई को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के वज़ीरपुर से ट्यूशन पढ़ने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. भारत नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज किया गया और उसे ढूंढने के लिए एक टीम गठित की गई.
दिल्ली से मेरठ पहुंची पीड़िता
डीसीपी ने बताया कि पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पिता से झगड़े के बाद परेशान हालत में घर से निकली थी और इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मेट्रो से गई. पीड़िता ने आगे बताया कि वहां से वह एक ट्रेन में सवार होकर मेरठ पहुंची, जहां उसकी मुलाकात विकास से हुई. डीसीपी ने बताया कि विकास ने उसे बहकाया और बाद में उसे सह-आरोपी आशु के घर में बंधक बना लिया गया. इसके बाद लड़की को राजीव को सौंप दिया गया, जिसका इरादा उसे खरीदने का था. इस सौदे को अंजाम देने के लिए एक अन्य आरोपी रमनजोत सिंह ने उसे वयस्क बताते हुए एक फर्जी आधार कार्ड तैयार किया. पुलिस ने बताया कि राजीव ने 24 जुलाई को लड़की से जबरन शादी की और शामली स्थित अपने आवास पर उसका कथित तौर पर यौन शोषण किया. इस बीच लड़की के परिवार को एक अनजान नंबर से मिस्ड कॉल आया. हालांकि, संपर्क करने पर एक महिला ने कहा कि उसकी बहू ने गलती से उस नंबर पर कॉल किया होगा. नंबर की लोकेशन शामली पाई गई और 16 अगस्त को स्थानीय पुलिस की मदद से लड़की को राजीव के घर से छुड़ाया गया.
आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज बरामद
पुलिस ने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि गाजियाबाद में एक साइबर कैफे चलाने वाले रमनजोत ने एक ऑनलाइन पीडीएफ एडिटिंग एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके पीड़िता का जाली आधार कार्ड तैयार किया था. आरोपियों के पास से जाली दस्तावेज और साजिश में इस्तेमाल किए गए चार मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं. डीसीपी ने कहा क लगातार पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने पैसे के लिए लड़की को बेचने की साजिश रची थी. पीड़िता के बयान ने घटनाक्रम की पुष्टि की और काउंसलिंग के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है. जांच के दौरान पीड़िता का विवरण तुरंत ज़िपनेट पर अपलोड किया गया और एनसीआरबी, एससीआरबी, सीबीआई और गुमशुदा व्यक्ति दस्ते के माध्यम से देश भर में प्रसारित किया गया. प्रमुख समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचनाएं प्रकाशित की गईं और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गई, जिसमें पीड़िता इंद्रलोक मेट्रो बस स्टैंड के पास दिखाई दी.
मथुरा, रोहिणी, पलवल सहित कई जगहों पर छापा
डीसीपी ने बताया कि 30 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों की जांच की गई. संदिग्ध इंस्टाग्राम खातों की भी जांच की गई. इसके अलावा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मथुरा, रोहिणी, पलवल, द्वारका, शकूरपुर और विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर कई छापे मारे गए. चारों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143 (अपहरण), 144 (तस्करी किए गए व्यक्ति का शोषण), 64 (बलात्कार), 337 (जालसाजी), 339 (जाली दस्तावेज रखना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 61 (आपराधिक साजिश), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 और 21 तथा बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 9 और 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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