Home राज्यDelhi दिल्ली में यमुना की होगी ड्रेजिंग, बाढ़ से निपटने की योजना, दिल्ली सरकार करेगी NGT से संपर्क

दिल्ली में यमुना की होगी ड्रेजिंग, बाढ़ से निपटने की योजना, दिल्ली सरकार करेगी NGT से संपर्क

by Sanjay Kumar Srivastava
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Yamuna River

Pollution in Yamuna: दिल्ली जल बोर्ड ने वज़ीराबाद तालाब से गाद निकालने की घोषणा की थी, लेकिन मानसून आने के कारण यह परियोजना शुरू नहीं हो सकी.

Pollution in Yamuna: यमुना नदी की जल-वहन क्षमता बढ़ाने के प्रयास में दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में नदी की ड्रेजिंग की अनुमति के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) से संपर्क करने की योजना बना रही है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि ड्रेजिंग आमतौर पर जल निकायों में वर्षों से जमा हुए गाद और कचरे को निकालने के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है, जिससे नदी में जल-भंडार बढ़ता है. हाल ही में भारी बारिश के कारण नदी तट के पास के कई इलाकों में शहरी बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ा, जिसका मुख्य कारण नियामक नालों की कम वहन क्षमता थी.

वर्तमान में ड्रेजिंग की अनुमति नहीं

अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में नदी की ड्रेजिंग की अनुमति नहीं है, लेकिन हम मंजूरी के लिए एनजीटी से संपर्क करेंगे. इसके बाद एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इससे नदी की वहन क्षमता बढ़ेगी. अनुमानों के अनुसार, यमुना की कुल लंबाई का केवल दो प्रतिशत होने के बावजूद दिल्ली इसके कुल प्रदूषण भार में 76 प्रतिशत का योगदान देता है. दिल्ली में यमुना 52 किलोमीटर तक बहती है, जिसमें से 22 किलोमीटर का महत्वपूर्ण खंड वजीराबाद से ओखला तक विविध नियोजन और नीतिगत प्रयासों का केन्द्र बिन्दु बन गया है. इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने वज़ीराबाद तालाब से गाद निकालने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन मानसून के आगमन के कारण यह परियोजना शुरू नहीं हो सकी.

ड्रेजिंग से बढ़ेगी जल भंडारण की क्षमता

अधिकारियों ने बताया कि हमने वज़ीराबाद के कच्चे पानी के तालाब की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें जमा गाद हटाने हेतु एक एजेंसी को नियुक्त करने के लिए एक निविदा जारी की थी. हालांकि, जब तक ज़मीनी स्तर पर काम शुरू हो पाता, मानसून आ गया. अब हम उस परियोजना को शुरू करेंगे. दिल्ली जल बोर्ड ने 25 करोड़ रुपये की लागत से काम करने के लिए कंपनियों को आमंत्रित करते हुए एक निविदा जारी की, जिसके तहत तालाब से 3.63 लाख घन मीटर गाद निकाली जानी थी. इस कार्य से कच्चे पानी के तालाब की जल धारण क्षमता में लगभग 100 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) की वृद्धि होने की संभावना है. यहां दिल्ली जल बोर्ड ने शहर में सबसे बड़े जल उपचार संयंत्रों में से एक का निर्माण किया है, जिसकी औसत जल उत्पादन क्षमता 138 एमजीडी है. योजना के अनुसार, ड्रेजिंग प्रक्रिया के बाद नदी अपनी वर्तमान क्षमता से दोगुना पानी संग्रहीत करने में सक्षम होगी, जिससे नालियों के ओवरफ्लो होने और शहर में नदी के पानी के वापस आने की समस्या कम हो जाएगी.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में यमुना का पानी उतरा, राहत की सांस ले रहे लोग; खतरे के निशान से नीचे आया जलस्तर

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