Haryana Government: सरकार ने बुधवार को 2,386 लोगों के खातों में 4.72 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवजा राशि हस्तांतरित की. भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान हुआ है.
Haryana Government: हरियाणा सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को काफी राहत दी है. सरकार ने फसल ऋण और बिजली बिलों का भुगतान स्थगित कर दिया है. बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को राज्य में फसल ऋण और ट्यूबवेल कनेक्शन के बिजली बिलों के भुगतान को स्थगित करने की घोषणा की. सैनी ने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ पूरी तरह खड़ी है. उन्होंने बताया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से सरकार ने बुधवार को 2,386 लोगों के खातों में 4.72 करोड़ रुपये से अधिक की मुआवजा राशि हस्तांतरित की. ये राशि उन लोगों को दी गई है, जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए थे और पशुओं की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि मुआवजा राशि में घरों के नुकसान के लिए 4.67 करोड़ रुपये और मवेशियों के लिए 4.21 लाख रुपये शामिल हैं.
7.10 लाख किसानों को राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि 6,397 गांवों में 5.37 लाख किसानों ने फसल नुकसान के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है. उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार सत्यापन पूरा होने के बाद किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा प्रदान करेगी. सैनी ने कहा कि दिवाली से पहले प्रभावित किसानों को फसल नुकसान के लिए मुआवजा मिलेगा. सैनी ने कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने हरियाणा के कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे फसलों, पशुधन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जुलाई 2025 तक अपने बिलों का भुगतान करना था, वे बिना किसी अधिभार के जनवरी 2026 तक भुगतान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इससे 7.10 लाख किसानों को राहत मिलेगी. सैनी ने आगे बताया कि उनकी सरकार ने सहकारी समितियों से लिए गए खरीफ फसल ऋणों की अदायगी स्थगित करने का भी फैसला किया है.
नए फसल ऋण भी मिलेंगे
फसल ऋणों पर राहत की घोषणा करते हुए सैनी ने कहा कि जिन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक फसलें बर्बाद हुई हैं और जहां कर्जदार किसानों की फसल का 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान हुआ है, वहां सहकारी समितियों से लिए गए खरीफ सीजन के फसल ऋणों की वसूली स्थगित कर दी गई है. ऐसे किसानों को आगामी रबी सीजन के लिए नए फसल ऋण भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इस फैसले से करीब 3 लाख किसानों को फायदा होगा. इस बीच सैनी ने बताया कि 30 सितंबर तक राज्य को 5 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी थी, जिसमें से 3.58 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी थी. अब तक 109 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित किए जा चुके हैं. इसी प्रकार, राज्य एजेंसियों ने 187.30 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा है, जबकि व्यापारियों ने 4,970 मीट्रिक टन खरीदा है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी किसान की फसल खराब हो जाती है और व्यापारियों ने इसे कम कीमत पर खरीद लिया है, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसान को उस दिन के लिए निर्धारित दर के अनुसार मूल्य अंतर का मुआवजा दिया जाए.
पंचायतों को सशक्त बनाना सरकार का उद्देश्यः सैनी
इस बीच सैनी ने बुधवार को राज्य के पंचायती राज संस्थानों को राज्य वित्त आयोग के अनुदान की दूसरी किस्त के रूप में 404 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की, जिससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा. यह राशि 5,719 ग्राम पंचायतों, 144 पंचायत समितियों और तीन जिला परिषदों के खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी. ग्रामीण विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में पंचायती राज संस्थाओं को 3,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 3,300 करोड़ रुपये सीधे ग्रामीण बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुविधाओं में निवेश किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार के धन का प्रत्येक रुपया ग्रामीण नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पंचायतों को अधिक अधिकार, संसाधन और जिम्मेदारियों के साथ सशक्त बनाना है.
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