Revision in GST Collection : मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जुलाई से सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में हुई मूसलाधार बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश के कृषि और बागवानी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है.
Revision in GST Collection : केंद्र सरकार ने दीवाली से पहले आम लोगों को जीएसटी में संशोधन करके बड़ा तोहफा दिया था और इसके बाद से बहुत सी वस्तुएं के प्राइस भी कम हो गए हैं. इसी बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने मंगलवार को कहा कि संशोधन के बाद वित्त वर्ष में राज्य के टैक्स कलेक्शन में 1 हजार करोड़ रुपये तक की कमी आने की उम्मीद है. FICCI की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर की छवि को भारी नुकसान पहुंचाने का काम किया. उन्होंने कहा कि केवल जीएसटी दरों में संशोधन से ही हमारी आय में 900 और 1000 करोड़ रुपये की कमी आएगी और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य के लिए जो पहले से ही घाटे में है.
अर्थव्यवस्था को हुआ बड़ा नुकसान
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जुलाई से सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में हुई मूसलाधार बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश के कृषि और बागवानी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने आगे कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला ने केवल जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए इस क्षेत्र की धारणा के लिए भी एक झटका है. उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम ने जम्मू-कश्मीर को एक घर के रूप में देखने की हमारी धारणा को एक झटका दिया है. हालांकि, अब्दुल्ला ने आशा व्यक्त की कि अब चीजें सकारात्मक दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं. साथ ही जब जम्मू कश्मीर में हालात अच्छे होते हैं तो बहुत अच्छे हो जाते हैं, जब बुरे होते हैं तो बहुत भयानक हो जाते हैं.
सकारात्मक दिशा की तरफ बढ़ रहा प्रदेश
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि हम अभी सबसे निचले स्तर पर हैं, लेकिन इस साल की शुरुआत में हम इसके बहुत करीब पहुंच गए थे. लेकिन मेरा यह मानना है कि अब दिशा सकारात्मक है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश को पहलगाम आतंकी हमले से पहले की स्थिति पर वापस लाने में समय और काफी प्रयास लगेगा. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर की व्यापक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने कई असफलताओं से भरा एक चुनौतीपूर्ण वर्ष को झेला है. उन्होंने कहा इसमें किसी से कोई छिपा नहीं है कि इस बार जम्मू-कश्मीर को किन चुनौतियों का सामना किया है. उन्होंने स्वीकार किया कि इन घटनाक्रमों ने जम्मू-कश्मीर की वित्तीय स्थिति पर दबाव डाला है.
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