Maratha Reservation: विखे पाटिल ने कहा कि अगर पवार ने 1994 में मंडल आयोग के कार्यान्वयन के दौरान मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया होता, तो आज यह समस्या नहीं होती.
Maratha Reservation: महाराष्ट्र के मंत्री व राज्य कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखे पाटिल ने आरक्षण के मुद्दे पर एनसीपी (सपा) प्रमुख और शरद पवार की आलोचना की है.मंत्री ने पवार पर राज्य में सामाजिक असमानता पैदा करने का आरोप लगाया है. गुरुवार रात पत्रकारों से बात करते हुए विखे पाटिल ने कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने 1994 में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करते समय मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल किया होता, तो वर्तमान आरक्षण का मुद्दा नहीं उठता. उन्होंने कहा कि पवार को अब खुद इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. मंत्री ने जालना के अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के साथ एक बंद कमरे में बैठक की.
हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि मैं यहां जरांगे के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने आया था. यह एक निजी मुलाकात थी और हमने सामान्य मुद्दों पर चर्चा की. इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के राज्य सरकार के फैसले के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हैदराबाद गजेटियर के अनुसार जारी सरकारी आदेश पर वर्तमान में बॉम्बे उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है. इसलिए मैं इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. न्यायालय जो भी फैसला सुनाएगा, उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए. मंत्री ने पवार की आलोचना की और आरोप लगाया कि पवार महाराष्ट्र में सामाजिक असमानता पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार हैं.
छगन भुजबल से विरोध न करने का आग्रह
उन्होंने कहा कि अगर पवार ने 1994 में मंडल आयोग के कार्यान्वयन के दौरान मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया होता, तो आज यह समस्या नहीं होती. वह राज्य में सामाजिक असमानता पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार हैं और उन्हें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. विखे पाटिल ने यह भी कहा कि ओबीसी नेताओं को मराठा आरक्षण स्वीकार कर लेना चाहिए, क्योंकि उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और आरक्षण के खिलाफ उनके आंदोलन को अनुचित करार दिया. उन्होंने मंत्री छगन भुजबल से मराठा आरक्षण का विरोध न करने का भी आग्रह किया. मंत्री ने कहा कि सरकार आरक्षण के मुद्दे को लेकर गंभीर है. सरकार सम्मानजनक समाधान का प्रयास कर रही है.
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