Leh Administration : लेह प्रशासन ने स्थिति को सामान्य होता हुआ देख मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है. साथ ही सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को रोकने के लिए निगरानी बनाए हुए है.
Leh Administration : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह प्रशासन ने जिले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल किया. प्रशासन की ये सख्ताई पिछले महीने हिंसा होने के बाद शुरू हुई है. 24 सितंबर को व्यापाक हिंसा के बाद एक पखवाड़े से ज्यादा समय तक निलंबित रहने के बाद लेह जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा एक बार फिर बहाल कर दी है. बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में जब व्यापक हिंसा हुई थी उस वक्त चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे. वहीं, लेह जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत जारी फर्जी खबरों पर रोक लगाने का आदेश करीब दो महीने लागू रहेगा.
धारा 163 के तहत होगी कार्रवाई
जिला अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में एक बार शांति स्थापित करने और सौहार्द बनाए रखने के लिए इस BNSS की धारा 163 के तहत कार्रवाई करने के पर्याप्त आधार हैं. डोंक ने आदेश में कहा कि यह देखा गया है कि कुछ व्यक्ति/समूह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अफवाहें और गलत सूचना फैला रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है. आदेश में आगे कहा गया कि कोई व्यक्ति जो फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसी बीच डीएम ने सभी सोशल मीडिया ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर को अपने ग्रुप में शेयर की जा रही है सामग्री पर नजर रखने और किसी भी फर्जी, भ्रामक या अफवाह फैलाने वाली सामग्री को तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
चारों लोगों की मौत की हो न्यायिक जांच
डोंक ने आगे कहा कि उन्हें व्हाट्सएप ग्रुपों पर केवल एडमिन नियंत्रण भी शुरू करना होगा. यह आदेश जन सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जारी किया गया है. केंद्र शासित प्रदेश में 24 सितंबर को हुई व्यापक हिंसा के बाद लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रही, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा एपेक्स बॉडी लेह के सह-अध्यक्ष चेरिंज डोरजे ने कहा कि लद्दाख में हालातों को सामान्य बनाए रखना है तो सबसे लोगों की गिरफ्तारियों को रोकना होगा. दूसरी तरफ प्रशासन को चार लोगों की मौत की जांच के लिए चार रिटायर्ड जजों की कमेटी से जांच का एलान करना होगा. साथ ही एपेक्स बॉडी लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस लगातार मांग कर रहे हैं कि लद्दाख को राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और इसको छठीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए.
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