Home Latest News & Updates मुंबई-पुणे भूमि सौदे पर मचा बवाल: विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा की मांग, ‘श्वेत पत्र’ जारी करे सरकार

मुंबई-पुणे भूमि सौदे पर मचा बवाल: विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा की मांग, ‘श्वेत पत्र’ जारी करे सरकार

by Sanjay Kumar Srivastava
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Harsh Vardhan Sapkal

Mumbai-Pune land deals: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मांग की कि राज्य सरकार पुणे और मुंबई में भूमि सौदे पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करे.

Mumbai-Pune land deals: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मांग की कि राज्य सरकार पुणे और मुंबई में भूमि सौदे पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करे. साथ ही विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा आयोजित करे. सपकाल ने आरोप लगाया कि राज्य भर में भूमि सौदों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं और भूमि घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंड मंत्रालय से काम कर रहे हैं. उन्होंने इस लेनदेन को सामूहिक आपराधिक कृत्य करार दिया. उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर इसमें शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया. सपकाल ने आरोप लगाया कि महायुति सरकार पूरी तरह से बेशर्म हो गई है. हर दिन एक नया घोटाला सामने आता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. सत्तारूढ़ दल के नेता और उनके रिश्तेदार राज्य को लूट रहे हैं. मुंबई और पुणे में करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के दाम हड़प ली गई है.

कहा- जांच समिति सिर्फ़ दिखावा

पुणे ज़मीन मामले का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार ने सिर्फ़ 500 रुपये स्टांप शुल्क देकर 40 एकड़ ‘महार वतन’ ज़मीन 300 करोड़ रुपये में ख़रीदी. उस ज़मीन पर आईटी पार्क बनाने के प्रस्ताव को जल्दबाज़ी में मंज़ूरी दे दी गई और दस्तावेज़ों में फेरबदल किया गया. अब सरकार कह रही है कि सौदा रद्द कर दिया गया है. यह अपराध स्वीकारोक्ति है. अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पार्थ पवार का नाम एफ़आईआर से क्यों गायब है? सपकाल ने आरोप लगाया कि पार्थ पवार की कंपनी ने पहले पुणे के बोपोडी इलाके में जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके सरकारी कृषि डेयरी की ज़मीन पर अतिक्रमण किया था. कांग्रेस नेता ने ज़मीन ख़रीद में इस्तेमाल हुए धन के स्रोत पर भी सवाल उठाया. दावा किया कि यह एक चीनी मिल के ज़रिए आया था. यह पैसा किसने और कैसे दिया? लोगों को जवाब मिलना चाहिए. सरकार द्वारा नियुक्त जांच समिति सिर्फ़ दिखावा है. अन्य कथित भूमि अनियमितताओं का जिक्र करते हुए सपकाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पुणे में एक जैन बोर्डिंग ट्रस्ट की जमीन हड़प ली थी.

‘वंदे मातरम्’ पर भाजपा का प्रेम अवसरवादी

‘वंदे मातरम्’ सपकाल ने कहा कि हालांकि बाद में सौदा रद्द कर दिया गया, लेकिन संबंधित चैरिटी कमिश्नर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. मोहोल ने पुणे जैन ट्रस्ट भूमि सौदे में आरोपों से इनकार किया है. सपकाल ने कहा कि पुणे के रिंग रोड और समृद्धि एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितताएं हुई हैं. लोगों को पता होना चाहिए कि समृद्धि परियोजना से वास्तव में किसे फायदा हुआ है. सरकार को ऐसे सभी भूमि लेनदेन पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर भाजपा के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों पर सपकाल ने सत्तारूढ़ पार्टी पर इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने अपनी शाखाओं में कभी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया. यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदान का इतिहास समेटे हुए है. इसका इस्तेमाल सांप्रदायिक या धार्मिक तनाव पैदा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. ‘वंदे मातरम्’ के लिए भाजपा का प्रेम भ्रामक और अवसरवादी है.

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