Home Latest News & Updates तमिलनाडु में वन्नियार आरक्षण की मांग तेज, PMK ने 17 दिसंबर को किया जेल भरो आंदोलन का ऐलान

तमिलनाडु में वन्नियार आरक्षण की मांग तेज, PMK ने 17 दिसंबर को किया जेल भरो आंदोलन का ऐलान

by Sanjay Kumar Srivastava
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Dr. Anbumani Ramadoss

Vanniyar Reservation: तमिलनाडु में वन्नियारों के लिए आरक्षण की मांग तेज हो गई है. PMK नेता ने आरक्षण को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन का ऐलान किया है.

Vanniyar Reservation: तमिलनाडु में वन्नियारों के लिए आरक्षण की मांग तेज हो गई है. PMK नेता ने आरक्षण को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन का ऐलान किया है. पट्टाली मक्कल कच्ची (PMK) नेता डॉ. अंबुमणि रामदास ने रविवार को 17 दिसंबर को राज्यव्यापी जेल भरो आंदोलन की घोषणा की है. जिसमें तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग कोटे के तहत वन्नियारों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है. उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और वन्नियारों से आह्वान किया कि वे 17 दिसंबर को तमिलनाडु भर के सरकारी कार्यालयों का घेराव करें. शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में वन्नियारों के लिए आंतरिक आरक्षण की मांग पर ज़ोर दें. अंबुमणि ने कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य समुदाय की मांग को सरकार के सामने लाना है. सुप्रीम कोर्ट के 31 मार्च, 2022 के आदेश को याद करते हुए कहा कि यदि पर्याप्त डेटा एकत्र किया जाता है तो वन्नियारों को आंतरिक आरक्षण देने पर कोई कानूनी रोक नहीं है.

सरकार से मिला सिर्फ आश्वासनः PMK

PMK के शीर्ष नेता ने कहा कि DMK सरकार फैसले के 27 दिनों के भीतर वन्नियार आरक्षण कानून बना सकती थी, लेकिन 1,300 से अधिक दिनों के बाद भी ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने शुरू में बातचीत का रास्ता चुना, यह विश्वास करते हुए कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन कोटा लागू करने के लिए तेजी से आगे बढ़ेंगे. उनके अनुसार, PMK प्रतिनिधिमंडल ने 8 मई, 2022 को सचिवालय में स्टालिन से मुलाकात की, जहां मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा और 2022 शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश शुरू होने से पहले वन्नियार आरक्षण कानून पारित किया जाएगा. डॉ. अंबुमणि ने यह भी कहा कि PMK संस्थापक डॉ. एस रामदास ने भी इस मुद्दे पर 10 पत्र लिखे थे. टेलीफोन पर भी बातचीत की थी और एक बार व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी, जबकि उन्होंने स्वयं तीन व्यक्तिगत बैठकें की थीं.

तमिलनाडु पिछड़ा वर्ग आयोग पर भी साधा निशाना

उन्होंने कहा कि हर बार हमें यह विश्वास दिलाया गया कि आरक्षण ज़रूर मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी को सरकार का असली चेहरा तब पता चला जब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले उसने जाति-आधारित जनगणना न होने का हवाला देते हुए कहा कि वन्नियार आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता. उन्होंने इसे एक नया विश्वासघात बताया जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और समुदाय में लगातार आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने तमिलनाडु पिछड़ा वर्ग आयोग पर भी निशाना साधा और उसे सामाजिक न्याय विरोधी बताया. बताया कि यद्यपि सरकार ने उसे तीन महीने के भीतर वन्नियारों के लिए आरक्षण पर अपनी सिफारिश प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन लगभग 1,040 दिनों के बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं दी गई.

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