Home Latest News & Updates किसान कल्याण पर फोकस: योगी आदित्यनाथ बोले- मोदी सरकार के बाद खेती बनी प्राथमिकता

किसान कल्याण पर फोकस: योगी आदित्यनाथ बोले- मोदी सरकार के बाद खेती बनी प्राथमिकता

by Sanjay Kumar Srivastava
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Yogi Adityanath

Yogi Adityanath: गन्ना किसानों को योगी सरकार का तोहफा मिला है. योगी ने कहा कि बढ़ी कीमत से लाखों काश्तकारों को फायदा होगा.

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद ही खेती और किसानों का कल्याण सरकार के मुख्य एजेंडे का हिस्सा बन गया. अपने सरकारी आवास पर गन्ना किसानों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025-26 पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत बढ़ाने का हालिया फैसला किसानों की समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बढ़ोतरी से उत्साहित किसानों ने आभार व्यक्त करने के लिए आदित्यनाथ से मुलाकात की. यूपी सरकार ने बुधवार को 2025-26 पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इसे एक बड़ा किसान-हितैषी फैसला बताया जिससे राज्य भर के लाखों काश्तकारों को फायदा होगा. नवीनतम संशोधन के साथ गन्ने की शुरुआती किस्म की कीमत 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य किस्म की कीमत 390 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. इस वृद्धि से किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान होगा.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड की गिनाईं खूबियां

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आदित्यनाथ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 में जब मोदी जी की सरकार बनी, तो पहली बार खेती और किसानों के हितों को शासन के केंद्र में लाया गया. इससे पहले किसी को भी हमारी फसल उगाने वाली मिट्टी के स्वास्थ्य की परवाह नहीं थी. प्रधानमंत्री मोदी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की और पीएम-किसान सम्मान निधि ने किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालने के पहले दिन ही 86 लाख किसानों का कर्ज माफ करने का वादा पूरा किया. पिछले साढ़े आठ सालों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया गया है. पहले किसान मेहनत करते थे, लेकिन बिचौलिए मुनाफा कमाते थे. हमने इस व्यवस्था को बदल दिया है.अब किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है.

खोली गईं बंद चीनी मिलें

आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी राज्य या देश अपने किसानों का अनादर करके प्रगति नहीं कर सकता. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि देश की समृद्धि का रास्ता किसानों के खेतों से होकर गुजरता है. लेकिन पिछली सरकारों ने किसानों की अनदेखी की, जिससे उत्तर प्रदेश पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आ गया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें एक बीमार मानसिकता से प्रेरित थीं और केवल अपने परिवारों के कल्याण पर केंद्रित थीं. उन्होंने कहा कि 2007 से 2017 के बीच चीनी मिलें बंद हो रही थीं या बेची जा रही थीं. हमने इस प्रवृत्ति को रोका. प्रदर्शन की तुलना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007-2017 के दौरान केवल 1,47,346 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान किया गया था, जबकि 2017 से भुगतान रिकॉर्ड 2,90,225 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कहा कि पिछले दशक की तुलना में 1,42,879 करोड़ रुपये अधिक.

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