Home Latest News & Updates योगी सरकार का बड़ा फैसलाः 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ्त मिट्टी निकाल सकेंगे कुम्हार

योगी सरकार का बड़ा फैसलाः 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ्त मिट्टी निकाल सकेंगे कुम्हार

by Sanjay Kumar Srivastava
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CM Yogi: सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की तर्ज पर चेकडैम और तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार को जन आंदोलन में बदल दें.

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुम्हार 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ़्त मिट्टी निकाल सकेंगे. ताकि तालाबों को मानसून से पहले पुनर्भरण के लिए तैयार किया जा सके. सीएम योगी के आदेश से कुम्हारों को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बढ़ते जल संकट पर भी चिंता जताई है. उन्होंने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की तर्ज पर चेकडैम और तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार को जन आंदोलन में बदल दें. नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति (लघु सिंचाई) विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि चेकडैम और तालाब बड़े बांधों की तुलना में प्रभावी जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण प्रदान करती हैं.

बारिश के बाद तालाबों में पाली जाए मछली

सीएम आदित्यनाथ ने बताया कि मौसमी नदियों और नालों पर 6,448 चेक डैम बनाए गए हैं, जिससे 1.28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है और सालाना 10,000 हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल का पुनर्भरण हो रहा है. 2022-23 से अब तक 1,002 चेक डैम से गाद निकाली गई है, जबकि 16,610 में से 1,343 तालाबों का पुनर्विकास किया गया है. 2017 से 2025 के बीच 6,192 ब्लास्ट कूपों का निर्माण किया गया, जिससे 18,576 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकी. उन्होंने निर्देश दिया कि कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ़्त मिट्टी इकट्ठा करने की अनुमति दी जाए ताकि उन्हें मानसून से पहले पुनर्भरण के लिए तैयार किया जा सके. कहा कि बारिश के बाद तालाबों का उपयोग मछली पालन और सिंघाड़े की खेती के लिए किया जाना चाहिए ताकि रोज़गार पैदा हो सके. वर्षा जल संचयन पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर में 100 वर्ग मीटर से बड़ी सभी इमारतों के लिए इसे अनिवार्य किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कदम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए निर्णायक साबित होगा.

जल्द हो चेकडैम और तालाबों का निर्माण

आदित्यनाथ ने आगे कहा कि 2017 तक राज्य में 82 अति-दोहित और 47 गंभीर भूजल क्षेत्र थे. निरंतर प्रयासों के कारण 2024 तक ये संख्या क्रमशः 50 और 45 तक कम हो गई है, जो एक संतोषजनक उपलब्धि है. उन्होंने आने वाले वर्षों में ऐसे सभी क्षेत्रों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए निरंतर और त्वरित प्रयास करने का आग्रह किया. आदित्यनाथ ने कहा कि जिस तरह ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान ने पौधरोपण को एक जन आंदोलन में बदल दिया, उसी तरह सामूहिक भागीदारी के माध्यम से बड़े पैमाने पर चेकडैम और तालाबों का निर्माण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे न केवल जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी, बल्कि कृषि, मत्स्य पालन और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर जिले के सभी तालाबों, ब्लास्ट कूपों और चेकडैमों का फोटोग्राफिक दस्तावेजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने का भी आह्वान किया. जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि सक्रिय जनभागीदारी से उत्तर प्रदेश पूरे देश के लिए एक सफल उदाहरण स्थापित करेगा.

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