UP News: बहराइच जिले के एक गांव में सियार के हमले में भाई-बहन घायल हो गए. उनमें से एक ने खुद को जानवर की पकड़ से छुड़ा लिया और उसे मार डाला.
UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़िए के बाद अब सियार के आतंक से लोग दहशत में आ गए हैं. गांव में लोग रातभर जागकर अपने परिवार की रक्षा कर रहे हैं. पुलिस ने रविवार को बताया कि यहां एक गांव में सियार के हमले में दो भाई-बहन घायल हो गए. उनमें से एक ने खुद को जानवर की पकड़ से छुड़ा लिया और उसे मार डाला. उत्तर प्रदेश के बहराइच के टेडिया गांव में शनिवार रात बरामदे में सोते समय सियार ने राजकुमार (41) और सुशीला (21) पर हमला कर गंभीर घायल कर दिया. दोनों का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इससे पहले गुरुवार को एक अन्य गांव में सियार के हमले में तीन बच्चों समेत चार लोग घायल हो गए थे. राजकुमार ने बताया कि शनिवार रात हम सो रहे थे. जानवर ने पहले मेरी बहन सुशीला पर हमला किया और फिर मेरी गर्दन पर झपटा. मैं थोड़ा नशे में था. मैंने खुद को छुड़ाया, उसकी गर्दन पकड़ी और उसे तब तक पकड़े रखा जब तक वह मर नहीं गया. जानवर का शव मेरे घर पर पड़ा है.
टेडिया गांव में हुई घटना
घायल ग्रामीण ने दावा किया कि यह एक भेड़िया था, जबकि प्रभागीय वन अधिकारी ने इसकी पुष्टि एक सियार के रूप में की. प्रभागीय वनाधिकारी राम सिंह यादव ने बताया कि 4 अक्टूबर को रात करीब 8.30 बजे बहराइच वन प्रभाग के बहराइच रेंज में रामगांव थाना क्षेत्र के टेडिया गांव में एक सियार ने राजकुमार (41) और सुशीला (21) को काटकर घायल कर दिया. उन्होंने कहा कि सियार को ग्रामीणों ने मार डाला. सियार के शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. यह घटना कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव में सियार के इसी तरह के हमले के दो दिन बाद हुई है. हमले में तीन बच्चों किशन (7), खतीजा (2), रुबीना (15) और अलीशेर (40) सहित चार लोग घायल हो गए थे. डीएफओ ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से सियार के हमले की पुष्टि हुई है. डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि मझारा तौकली गांव और आसपास की बस्तियों में 9 सितंबर से घूम रहे एक भेड़िये को वन विभाग की टीम ने 28 सितंबर को गोली मार दी थी, जब उसने बच्चों पर हमला करने की कोशिश की थी.
अब तक 6 की मौत, 20 घायल
अधिकारियों ने बताया कि 9 सितंबर से 30 सितंबर के बीच इलाके में चार बच्चों और एक बुजुर्ग दंपति समेत छह लोगों की मौत हो गई और कम से कम 20 ग्रामीण घायल हो गए. बचाव और तलाशी अभियान में 21 टास्क फोर्स और अन्य टीमें लगी हुई हैं और जन जागरूकता अभियान भी चल रहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 सितंबर को प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और निर्देश दिया कि अगर ग्रामीणों के लिए खतरा पैदा हो तो जानवर को गोली मार दी जाए. डीएफओ राम सिंह यादव ने यह भी कहा कि कैसरगंज और महसी तहसील के जिन इलाकों में भेड़ियों के सक्रिय होने की बात कही गई है, उन्हें चार सेक्टरों में बांटा गया है. विशेषज्ञ रणनीति बनाकर बचाव अभियान चला रहे हैं.
जिला मुख्यालय पर बना कमांड सेंटर
जिला मुख्यालय पर एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया है. गश्ती दल और विशेषज्ञ दल संवेदनशील स्थानों पर चार ड्रोन कैमरे और 25 कैमरा ट्रैप लगाकर भेड़ियों की तलाश कर रहे हैं और दिन-रात गश्त कर रहे हैं. हमले से प्रभावित गांवों में 20 सोलर सीसीटीवी कैमरे और तीन ट्रैपिंग पिंजरे लगाए जा रहे हैं और पगमार्क के आधार पर भेड़िये को सुरक्षित बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. भेड़िये को बेहोश करने के लिए पशु चिकित्सकों की दो टीमें तैनात हैं. जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की और सरकारी सहायता का आश्वासन दिया, जबकि पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने इस सप्ताह के शुरू में 13 घायल ग्रामीणों को 50-50 हजार रुपये के चेक वितरित किए.
ये भी पढ़ेंः सावधान! दिल्ली में आपके पास कार है तो हो जाएं सतर्क, इस साल चोरी की घटनाएं 52 प्रतिशत तक बढ़ीं
