UP News: बहराइच में जानवरों के हमले में तीन महीने की एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि एक बुजुर्ग महिला घायल हो गई. वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है.
UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जंगली जानवरों के आतंक से लोग दहशत के साये में जी रहे हैं. ग्रामीण रात भर जागकर परिवार की रक्षा कर रहे हैं.जानवरों के हमले में तीन महीने की एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि एक बुजुर्ग महिला घायल हो गई. पीड़ित परिवारों ने दावा किया कि हमले भेड़ियों द्वारा किए गए थे. हालांकि वन विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. कैसरगंज रेंज अधिकारी ओमकार नाथ यादव ने कहा कि पहली घटना में एक अज्ञात जंगली जानवर दिनेश तिवारी की नवजात बेटी संध्या को महसी तहसील के गोरवाह गांव में उनके घर के बरामदे से सुबह लगभग 3.30 बजे उठा ले गया, जब वह अपनी मां के साथ सो रही थी. सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और थर्मल कैमरे से लैस ड्रोन की मदद से तलाश शुरू की. उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह घर के पास एक खेत में उसका कटा हुआ सिर मिला.
वन विभाग ने गांव के पास लगाया पिंजरा
रेंज अधिकारी यादव ने कहा कि घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाके में जमा हो गए, जिससे जानवर के पैरों के निशान मिट गए.उन्होंने कहा कि गांव के पास पिंजरा लगाकर जानवर को पकड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है. दूसरा हमला गुरुवार शाम कैसरगंज तहसील के बभनवा गांव में हुआ, जब 60 वर्षीय शिव प्यारी अपने घर के आंगन में गाय को चारा खिला रही थीं. एक जंगली जानवर ने पीछे से उन पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गईं. रेंज अधिकारी यादव ने बताया कि शिव प्यारी को शुरू में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें आगे के इलाज के लिए बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. उनके बेटे राकेश कुमार और पोते राजकुमार ने अस्पताल में मीडियाकर्मियों से कहा कि जंगली जानवर एक आदमखोर भेड़िया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने हमलावर जानवर को देखा था.
घरों से अकेले न निकलने की सलाह
उत्तर प्रदेश (मध्य क्षेत्र) की अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह और देवीपाटन मंडल की वन संरक्षक सिमरन एम ने जिले के परागपुरवा गांव का निरीक्षण किया, जहां 9 सितंबर को एक चार साल की बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला था, जिस पर एक जंगली जानवर ने हमला किया था. रेंज अधिकारी यादव ने बताया कि जंगली जानवर को पकड़ने के लिए हमले वाली जगहों पर पांच पिंजरे लगाए गए हैं. और सभी जगहों पर ड्रोन कैमरों और विशेषज्ञों की मदद से विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीणों को उन इलाकों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है जहां गन्ने की फसल बहुतायत में है. उन्हें यह भी सलाह दी जा रही है कि वे अपने घरों से अकेले न निकलें. अपने घरों के दरवाजे बंद रखें और घर के बाहर न सोएं. रेंज अधिकारी ने बताया कि 28 अगस्त से 12 सितंबर के बीच अज्ञात जंगली जानवरों के हमले की सात घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई और पांच ग्रामीण घायल हो गए.
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