Home Latest News & Updates स्वदेशी तकनीक की नई मिसाल: वाराणसी से देश का पहला हाइड्रोजन पोत रवाना, भारत चुनिंदा देशों में शामिल

स्वदेशी तकनीक की नई मिसाल: वाराणसी से देश का पहला हाइड्रोजन पोत रवाना, भारत चुनिंदा देशों में शामिल

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
hydrogen vessel

Hydrogen Ship: भारत में हाइड्रोजन युग की शुरुआत हो गई. वाराणसी से देश का पहला हाइड्रोजन पोत गुरुवार को रवाना किया गया.

Hydrogen Ship: भारत में हाइड्रोजन युग की शुरुआत हो गई. वाराणसी से देश का पहला हाइड्रोजन पोत गुरुवार को हल्दिया (पश्चिम बंगाल) के लिए रवाना किया गया. इस तरह भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है. केंद्रीय मंत्री सरबानंदा सोनोवाल ने गुरुवार को वाराणसी के नमो घाट से भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन पोत को रवाना कर उसके वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत की. पोत का संचालन देश की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. समारोह में इसकी तकनीक और पर्यावरण अनुकूल क्षमता की सराहना की गई. सोनोवाल ने कहा कि हाइड्रोजन से चलने वाला यह पोत भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं और सतत ऊर्जा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यह केवल तकनीकी प्रगति ही नहीं है, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि हम हरित ऊर्जा और स्वदेशी समाधानों की ओर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं. मंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय गौरव की बात है कि भारत अब चीन, नॉर्वे, नीदरलैंड और जापान जैसे उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो हाइड्रोजन से चलने वाले पोतों का संचालन करते हैं.

हाइड्रोजन इंजन एक उभरती हुई तकनीक

कहा कि यह प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है. कहा कि हर क्षेत्र में जिस गति और दृष्टिकोण से प्रगति हुई है, उससे यह सुनिश्चित हुआ है कि अंतर्देशीय जलमार्ग अब भारत के विकास पथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, आयुष, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा और स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क एवं पंजीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल सहित कई जन प्रतिनिधि उपस्थित थे. सोनोवाल ने कहा कि यह विकास भारत के हरित ऊर्जा और स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी समाधानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन इंजन एक उभरती हुई तकनीक है जो लगभग शून्य उत्सर्जन के साथ स्वच्छ, टिकाऊ ऊर्जा प्रदान करती है. हालांकि पूर्ण पैमाने पर वाणिज्यिक उपयोग से पहले अनुसंधान और परीक्षण अभी भी जारी है. इस क्षेत्र के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या पांच से बढ़कर 111 हो गई है. अंतर्देशीय जलमार्गों पर माल ढुलाई 2014 में 80 मिलियन टन से बढ़कर वर्तमान में 145 मिलियन टन से अधिक हो गई है, जबकि पर्यटन गतिविधियां 13 जलमार्गों पर संचालित हैं.

जलमार्गों के लिए 2,200 करोड़ की योजनाएं

उन्होंने आगे कहा कि इस परिवर्तन की नींव जल मार्ग विकास परियोजना ने रखी, जिसने राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर हल्दिया से वाराणसी तक एक आधुनिक नौवहन गलियारा बनाया. जिसमें मल्टीमॉडल टर्मिनल, उन्नत उपकरण और सामुदायिक जेट्टी शामिल हैं. मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जलमार्ग विकास के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जबकि आने वाले वर्षों में लगभग 2,200 करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की जाएंगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हाइड्रोजन पोत पहल प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के चल रहे आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिन्होंने स्वच्छ परिवहन, बेहतर कनेक्टिविटी और सार्वजनिक सुविधा को प्राथमिकता दी है. मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने जल-आधारित संचार को मजबूत करने और रसद लागत को कम करने के लिए नौवहन चैनलों का विस्तार किया है, आधुनिक टर्मिनल शुरू किए हैं और नए यात्री और मालवाहक मार्गों को चालू किया है.

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?