Home Latest News & Updates क्या है ‘नवंबर क्रांति’, जिसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया खारिज, कहा-कोई क्रांति-भ्रांति नहीं

क्या है ‘नवंबर क्रांति’, जिसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया खारिज, कहा-कोई क्रांति-भ्रांति नहीं

by Sanjay Kumar Srivastava
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CM Siddaramaiah

Karnataka News: रात्रिभोज में हम पार्टी के मामलों पर चर्चा करते हैं. इसके अलावा नेतृत्व परिवर्तन या किसी अन्य राजनीतिक मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

Karnataka News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को राज्य की राजनीति में ‘नवंबर क्रांति’ की अटकलों को खारिज कर दिया. कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की कोई मांग नहीं है. उन्होंने दोहराया कि सोमवार को अपने कैबिनेट सहयोगियों के लिए आयोजित रात्रिभोज का नेतृत्व परिवर्तन या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और कैबिनेट फेरबदल की अटकलों के बीच यह बैठक महत्वपूर्ण हो गई है, जब कांग्रेस सरकार नवंबर में अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे पड़ाव पर पहुंच जाएगी. इसे कुछ लोग ‘नवंबर क्रांति’ कह रहे हैं. कुछ लोग ‘नवंबर क्रांति’ को मुख्यमंत्री परिवर्तन के रूप में व्याख्या करते हैं. सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन और कैबिनेट सहयोगियों के लिए आयोजित रात्रिभोज की अटकलों पर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि रात्रिभोज और राजनीति के बीच कोई संबंध नहीं है. मैं नियमित रूप से ऐसे रात्रिभोज आयोजित करता हूं. हम रात्रिभोज के लिए मिलते रहते हैं और ऐसे आगे भी मिलते रहेंगे. हम पार्टी के मामलों पर चर्चा करते हैं. इसके अलावा नेतृत्व परिवर्तन या किसी अन्य राजनीतिक मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

पूरे पांच साल पूरा करेंगे कार्यकाल

अटकलों पर आलाकमान की चुप्पी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व फिलहाल बिहार चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि बाद में देखते हैं कि वे क्या कहते हैं. आलाकमान जो भी कहेगा, हम उसका पालन करेंगे. “नवंबर क्रांति” की बातचीत से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि कोई क्रांति नहीं है, कोई भ्रांति नहीं है. नेतृत्व परिवर्तन की मांग और इसके लिए आलाकमान व विधायकों की मंजूरी की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई मांग नहीं है.अनावश्यक अटकलें हैं. राज्य के राजनीतिक हलकों में, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में, इस साल के अंत में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही हैं. इसमें सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री तथा कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के बीच सत्ता-साझाकरण समझौते का हवाला दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री परिवर्तन की चर्चाओं के बीच सिद्धारमैया लगातार दोहराते रहे हैं कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.

पार्टी विधायकों का है बहुमत

सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि पार्टी विधायकों के बहुमत और कांग्रेस आलाकमान के आशीर्वाद के बिना कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकता. वह शिवकुमार के उस कथित बयान पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन आलाकमान के फ़ैसले के आधार पर हो सकता है और यह केवल विधायकों की संख्या के समर्थन के आधार पर नहीं होता. सिद्धारमैया के इस जवाब को इस बात के दावे के रूप में देखा जा रहा है कि उन्हें अभी भी बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों का समर्थन प्राप्त है. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और पार्टी शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही थी. उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया था. उस समय कुछ खबरें थीं कि “रोटेशनल मुख्यमंत्री फॉर्मूले” के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके अनुसार शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

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