Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का व्रत भाव और श्रद्धा से जुड़ा होता है, लेकिन प्रेग्नेंसी एक संवेदनशील अवस्था होती है. ऐसे में धार्मिक परंपरा से ज्यादा जरूरी है आपकी और बच्चे की सेहत. यहां जानें जरूरी नियम.
Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का व्रत हिंदू महिलाओं के लिए बेहद श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा पर्व है, जिसमें वे माता पार्वती की पूजा कर सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है, तो इस कठिन व्रत को लेकर कुछ जरूरी बातें जानना बहुत आवश्यक है. आइए जानें कि प्रेग्नेंसी में हरियाली तीज का व्रत रखना कितना सही है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
कब है हरियाली तीज 2025?
इस साल हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.

क्या प्रेग्नेंट महिला व्रत रख सकती है?
हरियाली तीज का व्रत निर्जला (बिना पानी) और बहुत कठिन माना जाता है. यदि कोई महिला गर्भवती है और यह व्रत रखना चाहती है, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें. खासकर अगर आप पहली तिमाही में हैं, तो व्रत से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस समय भ्रूण का विकास हो रहा होता है और भूखा या निर्जल रहना नुकसानदायक हो सकता है.
निर्जला उपवास न रखें
अगर आप व्रत रख भी रही हैं, तो निर्जला उपवास न करें. व्रत के दौरान ताजे फल, नारियल पानी, नींबू शरबत या जूस आदि का सेवन करते रहें. यह न केवल शरीर को ऊर्जा देगा, बल्कि बच्चे के लिए भी सुरक्षित रहेगा. अपने शरीर की थकावट और डिहाइड्रेशन पर विशेष ध्यान दें.
झूला झूलने से परहेज करें

हरियाली तीज पर झूला झूलने की परंपरा कई जगहों पर निभाई जाती है. लेकिन गर्भवती महिलाओं को झूला झूलने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे पेट पर असर पड़ सकता है, जो बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है.
व्रत न रख पाएं तो करें ये उपाय
अगर आप गर्भवती हैं और व्रत नहीं रख पा रहीं, तो पान के पत्ते में कुछ दक्षिणा रखकर किसी ब्राह्मण को भेंट दें और भगवान शिव-पार्वती के सामने बैठकर प्रार्थना करें. इससे आपको धार्मिक संतोष मिलेगा और परंपरा भी निभ जाएगी.
आराम करें
हरियाली तीज के दिन प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर थकान और नींद महसूस हो सकती है. ऐसे में थोड़ी देर आराम करें, लेकिन पूरा दिन सोने से बचें. आप चाहें तो शिव भजन सुन सकते हैं या पूजा-पाठ में मन लगा सकती हैं, इससे मन शांत रहेगा और व्रत में भी सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी.
दूसरे के घर न जाएं
व्रत के दिन दूसरों के घर जाकर भारी कामकाज या भीड़भाड़ से बचें. अपने शरीर और शिशु की गतिविधियों पर ध्यान दें. यदि किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो, जैसे पेट दर्द, चक्कर या कमजोरी, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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