Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर अनुभव है. यदि आप इस यात्रा पर जा रहे हैं, तो वहां से ये चीजें अवश्य लेकर आएं. यह न केवल धन, सुख और यश की प्राप्ति कराते हैं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक बल भी बढ़ाते हैं.
Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 इस वर्ष 27 जून से प्रारंभ हो रही है. ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर को चार धामों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त पुरी दर्शन को जाता है, उसे वहां से कुछ खास चीजें अवश्य लेकर आनी चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में कभी भी धन या अन्न की कमी नहीं होती.
निर्माल्य
निर्माल्य एक विशेष प्रकार का सूखा चावल होता है, जो भगवान को भोग लगाने के बाद लाल रंग की पोटली में दिया जाता है. इसे घर में पूजा स्थल पर रखने से धन, अन्न और सुख-शांति बनी रहती है. इसका एक-एक दाना भी बहुत शक्तिशाली माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य, जैसे विवाह या गृहप्रवेश में यदि निर्माल्य का दाना प्रयोग किया जाए, तो कार्य बिना विघ्न के पूर्ण होता है.
बेंत
जगन्नाथ मंदिर से बेंत लाने की परंपरा वर्षों पुरानी है. यह बेंत मंदिर में भगवान की पूजा के दौरान भक्तों को छुआया जाता है. मान्यता है कि इस बेंत को घर लाने से मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में बल, बुद्धि और यश का वास होता है. इसे पूजा स्थान पर रखना बेहद शुभ माना गया है.
तुलसी की माला
पुरी रथ यात्रा के दौरान तुलसी की माला लाना बेहद शुभ माना जाता है. तुलसी श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है और इसका आध्यात्मिक प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है. मान्यता है कि जहां तुलसी की माला होती है, वहां की नकारात्मक ऊर्जा स्वत: नष्ट हो जाती है और वातावरण शुद्ध रहता है. इसे घर के पूजा स्थान में रखना अत्यंत लाभकारी होता है.
जगन्नाथ मंदिर से जुड़े रहस्य
जगन्नाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि कई अद्भुत रहस्यों का केंद्र है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी देह का त्याग यहीं किया था. उनका हृदय आज भी मंदिर में रखी लकड़ी की मूर्ति के भीतर धड़कता है.

क्या है ध्वनि के पीछे का रहस्य
भक्तों का कहना है कि मंदिर के सिंहद्वार से बाहर समुद्र की लहरों की आवाज साफ सुनाई देती है, लेकिन जैसे ही भक्त सिंहद्वार के भीतर कदम रखते हैं, लहरों की आवाज अचानक बंद हो जाती है.
यह भी पढ़ें: Ashadha 2025: 12 जून से शुरू हुआ पुण्यफल देने वाला महीना, ये काम खोल सकते हैं स्वर्ग का रास्ता!