Shani Shingnapur: भारत में एक ऐसा भी गांव है, जहां किसी भी घरों में दरवाजा नहीं लगाया जाता, क्योंकि लोगों का मानना है कि उस गांव की रक्षा खुद शनिदेव करते हैं.
20 December, 2025
Shani Shingnapur: आज के युग में अपराध इतना ज्यादा है कि आप पैसे को लेकर अपनों पर भी भरोसा नहीं कर सकते. घरों की रखवाली के लिए डिजिटल लॉकर और सीसीटीवी कैमरा लगवाने के बाद भी चोर घरों में चोरी कर लेते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा भी गांव है, जहां किसी घर में दरवाजा नहीं लगाया जाता. यहां तक की बड़ी-बड़ी दुकानों और बैंकों तक में ताला नहीं लगाया जाता है, क्योंकि उस गांव की रक्षा खुद शनिदेव करते हैं. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर गांव की.

चोरी करने से डरते हैं चोर
शनि शिंगणापुर गांव के लोगों की शनिदेव में गहरी आस्था है. उनका मानना है कि गांव की रक्षा खुद शनिदेव करते हैं, जहां शनिदेव की दृष्टि होती है, वहीं किसी प्रहरी या सुरक्षा की जरूरत नहीं होती. इस गांव में चोर चोरी करने से डरते हैं. माना जाता है कि अगर किसी ने चोरी भी कि तो उसे शनिदेव का प्रकोप झेलना पड़ता है. अगर कोई चारी करता है तो वह खुद ही अपना पाप कबूल कर लेता है. गांव में शनिदेव का लोकप्रिय मंदिर भी है, जहां साढ़े पांच फीट ऊंची काली चट्टान है. उसे ही शनिदेव का रूप माना जाता है.
न्याय के देवता हैं शनिदेव
जनवरी 2011 में, UCO बैंक ने यहां एक ब्रांच खोली जिसमें कोई ताला नहीं लगाया गया. यह देश की पहली बिना ताले वाली बैंक ब्रांच थी. बता दें, शनिदेव न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं. शनिदेव मनुष्य को उसके कर्म का फल देते हैं. उनकी पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे शनिदोषों के प्रभाव कम होते हैं. शनिदेव के भक्त हर शनिवार को उन्हें तेल चढ़ाते हैं.

क्या है मंदिर के पीछे की कहानी
ग्रामीणों के मुताबिक, चरवाहों ने खेतों में एक बड़ा काला पत्थर देखा. जब उन्होंने उसे छुआ, तो उसमें से खून बहने लगा. उसी रात, भगवान शनि एक चरवाहे के सपने में आए और बताया कि वह पत्थर उनका ही रूप है. उन्होंने कहा कि उन्हें छत या मंदिर की जरूरत नहीं है, क्योंकि पूरा आसमान ही उनकी छत है. उन्होंने कहा कि हर शनिवार को उन पर तेल चढ़ाया जाए. उनके आशीर्वाद से गांव में कभी कोई चोरी, डकैती या अपराध नहीं होगा. तब से, यहां के घरों और दुकानों में दरवाजे या ताले नहीं लगाए जाते.
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