Sawan 2025: शिवा मुट्ठी न केवल एक साधारण धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह श्रद्धा, भक्ति और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है. अगर आपने अब तक शिवा मुट्ठी अर्पित नहीं की है, तो आगामी सावन सोमवार को यह पुण्य जरूर करें.
Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और उपासना का विशेष काल माना जाता है. इस दौरान जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और शिव पूजन के विविध रूपों के साथ एक विशेष पूजा विधि का उल्लेख होता है, जिसे कहा जाता है ‘शिवा मुट्ठी’. यह नाम सुनने में भले नया लगे, लेकिन शिवपुराण में इसका विस्तृत उल्लेख है और इससे जुड़ी परंपरा अत्यंत पुण्यदायक मानी जाती है.
शिवा मुट्ठी क्या है?
‘शिवा मुट्ठी’ का अर्थ है, मुट्ठीभर अनाज, जो भक्त श्रद्धा से भगवान शिव को अर्पित करते हैं. इसे सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त यह सात्विक भोग शिवलिंग पर चढ़ाता है, उसे सभी संकटों से मुक्ति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
शिवा मुट्ठी में कौन-कौन से अनाज होते हैं?
शिवा मुट्ठी में 5 प्रकार के पवित्र अनाज होते हैं:
1. अक्षत (चावल)
2. सफेद तिल
3. गेहूं या जौ
4. खड़ी मूंग
5. सतुआ (चना सत्तू)
कभी-कभी इसमें उड़द की दाल को भी जोड़ा जाता है। इन सभी अनाजों को भगवान शिव का प्रिय माना गया है.
सावन के किस सोमवार को कौन-सा अनाज चढ़ाना चाहिए?
हर सावन सोमवार को एक विशेष प्रकार का अनाज शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ माना गया है. विधि इस प्रकार है:
• पहले सोमवार: एक मुट्ठी अक्षत (चावल)
• दूसरे सोमवार: एक मुट्ठी सफेद तिल
• तीसरे सोमवार: एक मुट्ठी खड़ी मूंग
• चौथे सोमवार: एक मुट्ठी गेहूं या जौ
• यदि पांचवां सोमवार पड़े: एक मुट्ठी सतुआ अर्पित करें

नोट: यदि किसी सोमवार आप अनाज अर्पित करना भूल जाएं, तो अगली सोमवार को वह अनाज चढ़ाया जा सकता है.
शिवा मुट्ठी कब और कैसे चढ़ाएं?
• शिवा मुट्ठी को सोमवार की शाम को चढ़ाना सबसे उपयुक्त माना गया है.
• शिवलिंग को पहले जल, दूध या पंचामृत से स्नान कराएं.
• फिर दीप-धूप के साथ शिवा मुट्ठी का अनाज धीरे-धीरे शिवलिंग पर अर्पित करें.
• “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए यह अनुष्ठान करें.
इस वर्ष सावन में कितने सोमवार?
सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से हुई है और समापन 9 अगस्त को होगा. इस बार कुल चार सावन सोमवार पड़ रहे हैं, जिनमें से एक बीत चुका है और तीन शेष हैं. अब भी समय है कि आप यह पवित्र परंपरा निभा सकते हैं.

शिवा मुट्ठी न केवल एक साधारण धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह श्रद्धा, भक्ति और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है. हर अनाज जीवन, उर्वरता और समृद्धि का संकेत देता है, जिसे भगवान शिव को अर्पित कर हम अपने जीवन की विपत्तियों को दूर कर सकते हैं.अगर आपने अब तक शिवा मुट्ठी अर्पित नहीं की है, तो आगामी सावन सोमवार को यह पुण्य जरूर करें.
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