Uttarakhand Utsav: उत्तराखंड के गठन को 25 साल हो गए. इस मौके पर राज्य भर में उत्सव मनाया गया. इसी कड़ी में Live Times ने पूर्व CM हरीश रावत के साथ एक इंटरव्यू किया, जिसमें उन्होंने राज्य के विकास को लेकर बेबाकी से जवाब दिया.
Uttarakhand Utsav: उत्तराखंड बने 25 साल हो गए. इस मौके पर राज्य ने अपना रजत जयंती समारोह मनाया. पूरे राज्य में उत्सव का माहौल था. राज्य के विभिन्न स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस अवसर पर सरकार ने लोगों के संघर्षों को याद किया, जिन्होंने उत्तराखंड बनाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था. इसी खास मौके पर Live Times के Editor in Chief दिलीप सिंह ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया. विस्तार से आप नीचे पढ़ें कि उत्तराखंड के विकास को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत क्या बोले और उन्होंने एक-एक सवाल का जवाब किस बेबाकी से दिया.
दिलीप सिंह: उत्तराखंड के इतिहास की जो कहानी है उसे आप 25 साल बाद अपनी तरह से देश, दुनिया और लोगों को कैसे बताएंगे.
हरीश रावतः हमारे राज्य का निर्माण लंबे संघर्षों के बाद हुआ. यहां कि महिलाओं, युवाओं और आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान दिया. यहां का हर व्यक्ति कहता था कि राज्य बनना चाहिए. हमारा उत्तर प्रदेश के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा था. लखनऊ में बैठकर हमारी समस्याएं हल नहीं हो सकती थी. कांग्रेस ने अपने कलकत्ता अधिवेशन में ये कहा था कि छोटे राज्य बनने चाहिए, जिससे विकास का रास्ता खुले. हर राजनीतिक बिरादरी की सहमति थी कि उत्तराखंड राज्य बनना चाहिए. कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को अपने अधिवेशन में पास किया, जिससे उत्तराखंड राज्य बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ. कहा कि आजादी के बाद नेहरू ने जो देश के अंदर एक सहमति बनाई कि भारत की दिशा क्या होगी, हम उस तरीके की सहमति अपने राज्य के अंदर नहीं बना पाए. ये 25 वर्ष हमारे लिए उत्सुकता भरे थे. कई क्षेत्रों में हमारा विकास काफी अच्छा रहा. लेकिन कुछ मामलों में हम आज भी पीछे हैं. कहा कि राज्य का संचालन कैसे करना है, इसे आज तक तय नहीं कर पाए.
दिलीप सिंह: उत्तराखंड निर्माण के समय दो महत्वपूर्ण दल कांग्रेस और बीजेपी उभर कर सामने आए. एक आपसी सहमति नहीं बन पाई कि राज्य को किस दिशा में ले जाएं, उस पर आपका क्या कहना है.
हरीश रावतः आज राज्य में जो निराशा दिखाई देती है, हम जिस दिशा को पकड़ना चाहते थे. उसे नहीं पकड़ पाए. उत्तराखंडी दिशा नहीं बना पाए. हिमालयीय राज्य नहीं बना पाए. इस मामले में भाजपा सरकार फेल हो गई. राज्य के विकास में 15 सालों में भाजपा की डबल इंजन सरकार की कोई उपलब्धि नहीं रही. 2014 के बाद मैंने यहां विकास की दिशा को बदला. लोगों से तालमेल की कोशिश की. लेकिन 2017 में हम लोगों को नहीं समझा पाए. हमने कई फैसले ऐसे किए हैं जो आज भी लोगों की मदद कर रहे हैं.
दिलीप सिंह: सबसे पहले सत्ता आपके पास आई. एनडी तिवारी CM बने. कहीं न कहीं कांग्रेस लोगों को साथ लेकर आम सहमति से विकास और राज्य की दिशा तय करती, लेकिन ऐसा नहीं कर सकी. एक गैप रह गया, जो बढ़ता गया. शायद यह गैप नहीं रहता तो चीजें और बेहतर होतीं.
हरीश रावतः तिवारी जी बहुत कुशल नेता थे. वह विद्वान और कुशल प्रशासक थे. कह लीजिए कि वह आक्सफोर्ड के वाइस चांसलर थे. हमने उन्हें एक प्राइमरी स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी दे दी. जीवन भर तिवारी जी ने विकास का मॉडल तैयार किया. लेकिन उन्होंने और बेहतर करने के लिए कोई बड़ा रिस्क नहीं लिया. कहा कि आज का हरीश रावत सामंजस्यवादी है. जिस समय तिवारी जी सीएम बने, उस समय बहुत चुनौतियां थी. उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए बहुत कुछ किया. राज्य में कई बड़े उद्योग लगे. भारत के सारे उद्योग यहां आए.
दिलीप सिंह: उद्योग के अलावा पलायन, शिक्षा, रोजगार के क्षेत्र में 25 साल की यात्रा को आप कैसे देखेंगे.
हरीश रावतः उन्होंने तिवारी जी से कहा था कि उद्योगों में 70 फीसदी रोजगार यहां के लोगों को मिलने चाहिए. तिवारी जी रिस्क नहीं लेना चाहते थे. उन्होंने कुछ उद्यमियों के नाम बताए और कहा कि आप उनसे मिल लीजिए. राज्य बनने का जो फायदा दूरदराज के गांवों में पहुंचना चाहिए, वह नहीं पहुंचा. विकास न होने से गांव के गांव खाली हो रहे हैं. राजधानी के मुद्दे पर भी तिवारी जी नीतिगत निर्णय लेने की स्थिति में नहीं थे.
दिलीप सिंह: अगर उस समय रावत जी सीएम होते तो तस्वीर कुछ अलग होती.
हरीश रावतः लेकिन उस समय के 80 साल के तिवारीजी से आशा नहीं की जा सकती. वह 55 साल की उम्र जैसा रिस्क नहीं ले सकते थे. फिर भी तिवारी जी ने सूबे के विकास के लिए काफी कुछ किया. उनके समय भारत के सभी बड़े उद्योग यहां आए. हमने विकास का जो सपना देखा था, वह पूरा नहीं हो पाया. आज राज्य के हर शहर में हर जगह जाम से लोग जूझ रहे हैं. हमने विकास के जो कार्यक्रम बनाए, वह अपेक्षाओं पर नहीं उतरे. भाजपा की डबल इंजन सरकार फेल है. भाजपा के विकास का मॉडल फेल है. हमारी 10 साल की उपलब्धियां काफी हैं. भाजपा सरकार में बेबसी का पलायन हो रहा है. लोग अपना घर छोड़कर बाहर बस रहे हैं. राज्य में जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विकास नहीं हो पाया.जबकि दुनिया में आगे बढ़ने के लिए यहां सारी बुनियादी चीजें हैं.
दिलीप सिंह: जिन उम्मीदों से राज्य का निर्माण हुआ, हम वहां तक नहीं पहुंच पाए, कहां खामी रह गई.
हरीश रावतः हम उतर प्रदेश की कापी बन गए. हम हिमालयीय राज्य नहीं बना पाए. जबकि दुनिया में आगे बढ़ने के लिए यहां सारी बुनियादी चीजें उपलब्ध हैं.
दिलीप सिंह: आपके पास विकास की कोई योजना है तो उसे बताइए.
हरीश रावतः हमने गांव की कनेक्टिविटी बढ़ाई. हमारा लक्ष्य था कि गांव के जो उत्पाद हैं, उसे सीधे मार्केट मिले. हमने गांव में छोटी-छोटी मंडियां बनाईं. हमने किसानों को प्रोत्साहित किया.
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