Red Fort Blast : दिल्ली में घटित विस्फोटक घटना को लेकर जांच एजेंसियां हर एंगल से जांच कर रही है. साथ ही अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या कार ड्राइवर के साथ कोई और तो नहीं था.
Red Fort Blast : दिल्ली विस्फोट मामले में एजेंसियां जांच में जुटी है और एंगल से घटना की तय तक पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है. इसी बीच जांच कर रहे अधिकारियों ने विस्फोटक गाड़ियों के पास खड़ी अन्य गाड़ियां के बारे में पता लगाया है. इसके अलावा इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों के बारे में पता लगाया और अब उनके मालिकों से पूछताछ में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि अन्य गाड़ियों के मालिकों से हुंडई i20 के बारे में विस्तार से पूछताछ की. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने भी विस्फोट के पीछे की गहरी साजिश की, जांच के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं के तहत एक अलग प्राथमिकी दर्ज की. गैरकानूनी गतिविधियों अधिनियम की धाराओं के तहत पहले दर्ज की गई प्राथमिकी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को ट्रांसफर कर दिया गया.
कई एंगल से की जा रही है जांच
सूत्रों ने बताया कि विस्फोटित कार चला रहे डॉ. उमर नबी ने पार्किंग में खड़ी की थी, तो आसपास कई वाहन खड़े थे. अब वहां पर मौजूद सभी ड्राइवर का पता लगाया जा रहा है और उनसे पूछताछ में पता चले सके कि हुंडई i20 के ड्राइवर के साथ दूसरे लोग भी मौजूद थे. मामले को लेकर अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ता ड्राइवरों को उमर की तस्वीर दिखा रहे हैं ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि क्या वह कार में अकेला था या फिर तीन घंटे जब वह वहां पर खड़ा रहा था तब उससे कोई मिलने के लिए आया था. इसका उद्देश्य उन तीन घंटों के दौरान हुई घटनाओं का सटीक रूप से पता लगाना और यह सत्यापित करना है कि पार्किंग में खड़ी कार के अंदर विस्फोटक उपकरण कौन सा था.
यूनिवर्सिटी पहुंची एजेंसियों की एक टीम
इसके अलावा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या गिरफ्तार डॉक्टर, डॉ. मुजम्मिल गनई हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर के एक ग्रुप के संपर्क में थे. सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मुज़म्मिल के संपर्क में रहे लगभग 15 डॉक्टर फिलहाल के लिए लापता है. एक अन्य सूत्र ने बताया कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड में मुज़म्मिल की यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों से कई बार बातचीत हुई है. इसी बीच एजेंसियों ने उन डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश की तो उनके फोन बंद आ रहे थे. इसके बाद जांच एजेंसी एक टीम अल फलाह यूनिवर्सिटी भेजी गई और यहां पर ज्यादातर डॉक्टर लापता थे. एजेंसियों अब पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन लापता डॉक्टर कथित आंतकी साजिश का हिस्सा तो नहीं थे. बता दें कि 10 नवंबर को एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया.
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