GST Scam: पंजाब के मोगा जिले के एक दिहाड़ी मज़दूर को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसे 35 करोड़ रुपये का जीएसटी (GST) नोटिस मिला.
GST Scam: पंजाब के मोगा जिले के एक दिहाड़ी मज़दूर को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उसे 35 करोड़ रुपये का जीएसटी (GST) नोटिस मिला. जांच में पता चला कि धोखेबाजों ने उसके आधार और बाकी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उसके नाम पर फर्जी कंपनी खोल ली थी और करोड़ों का लेनदेन कर दिया. मोगा के रहने वाले अजमेर सिंह ने बताया कि वे रोज मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि इतने बड़े टैक्स नोटिस के लिए उन्हें क्यों जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. पीड़ित अजमेर सिंह ने कहा कि नोटिस मिलते ही उसके होश उड़ गए.पूरा परिवार परेशान हो गया. ये मामला नया नहीं है. 2022 में भी अजमेर को 21 लाख रुपये का नोटिस मिला था, लेकिन शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
‘सीके इंटरनेशनल’ नाम से बनी कंपनी
पीड़ित ने कहा कि 21 लाख का नोटिस मिलने पर उसने अधिकारियों के यहां कई बार चक्कर लगाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अधिकारियों ने केवल ठीक कराने का आश्वासन दिया, लेकिन समाधान नहीं हुआ. अब दो साल बाद यह मामला और गंभीर हो गया है. लुधियाना के जीएसटी दफ्तर में पूछताछ करने पर पीड़ित को पता चला कि किसी गिरोह ने उसके नाम पर ‘सीके इंटरनेशनल’ नाम से कंपनी रजिस्टर कर ली थी. ये फर्जी कंपनी लुधियाना के गिल रोड औद्योगिक क्षेत्र में दिखाई गई है, और उसके नाम पर करोड़ों रुपये की खरीद-बिक्री दर्ज की गई है. पीड़ित अजमेर ने बताया कि उसने कभी पैन कार्ड भी नहीं बनवाया. उसे शक है कि कोविड-19 के दौरान जब एक संस्था ने मुफ्त राशन दिलाने के नाम पर उसका आधार कार्ड लिया था, तभी उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया.
पुलिस ने शुरू की जांच
अजमेर सिंह ने कहा कि संस्था ने कहा था कि आधार देने के बाद राशन मिलेगा. बाद में मेरे नाम पर कंपनी खोल दी और करोड़ों का घोटाला कर दिया. पहले 25 लाख का नोटिस आया था, अब 35 करोड़ 71 लाख का नोटिस भेज दिया गया है. मोगा के पार्षद जगजीत सिंह ने इस घटना को गरीब परिवार के साथ किया गया गंभीर अन्याय बताया. उन्होंने कहा कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जीएसटी विभाग ने अजमेर सिंह को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ शिकायत आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. मोगा पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि धोखेबाजों ने पीड़ित के पहचान दस्तावेज कैसे हासिल किए और कंपनी कैसे रजिस्टर्ड करा ली गई. पुलिस ने जांच के लिए टीमों का गठन किया है. पुलिस का कहना है कि पुलिस जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार करेगी.
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