UP BJP: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को रविवार को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनके नाम की घोषणा की.
UP BJP: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को रविवार को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनके नाम की घोषणा की. यह घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक की उपस्थिति में की गई. पंकज चौधरी ने शनिवार को इस पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. वे एकमात्र उम्मीदवार थे. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्य निर्वाचन अधिकारी महेंद्र नाथ पांडे और केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े को अपने नामांकन पत्र सौंपे. नामांकन के दौरान आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह उपस्थित थे. महाराजगंज निर्वाचन क्षेत्र से सात बार लोकसभा सांसद रहे चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं. यह समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अंतर्गत आता है. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी माना जाता है. उत्तर प्रदेश में BJP के बहुप्रतीक्षित प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा आखिरकार रविवार को हो गई. पंकज चौधरी को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. उनके नाम की घोषणा चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के बाद की गई है.

कुर्मी बिरादरी से चौथे अध्यक्ष होंगे पंकज
रविवार को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चौधरी के नाम का ऐलान किया. लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विवि कैंपस के सभागार में इसकी घोषणा की गई. इस मौके पर केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक व राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन के केंद्रीय प्रभारी व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पंकज चौधरी की जीत की घोषणा की. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह संगठन की ताकत है कि पार्टी आज इस मुकाम पर है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जैसे ही पंकज चौधरी के नाम की घोषण की, वैसे ही पूरा हाल तालियों से गूंज उठा. इस मौके पर वरिष्ठ नेता भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी का झंडा नवनिर्वाचित अध्यक्ष पंकज को सौंपा. मालूम हो कि चौधरी कुर्मी बिरादरी से चौथे अध्यक्ष होंगे. इनसे पहले ओम प्रकाश सिंह, विनय कटियार और स्वतंत्रदेव सिंह भी इसी बिरादरी से अध्यक्ष रह चुके हैं. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चौधरी का नाम पहली बार चर्चा में आया था, लेकिन इसे लोग इस आधार पर खारिज कर रहे थे कि सीएम और अध्यक्ष एक ही क्षेत्र से नहीं हो सकता है.
गोरखपुर विश्वविद्यालय से हैं स्नातक
भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका है जब लक्ष्मीकांत बाजपेयी के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए चुनाव की औपचारिकता की जा रही है. केंद्रीय राजनीति से प्रदेश की सियासत में लौटे पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से भाजपा की सियासत में पूर्वांचल का दखल बढ़ गया है. खास तौर से गोरखपुर क्षेत्र सत्ता का नया केंद्र बनकर उभरा है. देखा जाए तो गोरखपुर की राजनीति में योगी और पंकज चौधरी ही भाजपा के दो बड़े क्षत्रप हैं. गोरखपुर के घंटाघर में 20 नवंबर 1964 में जन्मे पंकज चौधरी गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक हैं.
महराजगंज के पहले जिला पंचायत अध्यक्ष थे चौधरी
औद्योगिक घराने में जन्मे पंकज चौधरी ने राजनीति में कदम रखा और नगर निगम गोरखपुर में 1989 में पार्षद बने और डिप्टी मेयर बने. महराजगंज में पंकज के लिए राजनीतिक जमीन उनके भाई स्वर्गीय प्रदीप चौधरी ने तैयार की. वह महराजगंज के पहले जिला पंचायत अध्यक्ष थे. वे ही पंकज को अपने साथ लाए और उन्हें स्थापित किया. पंकज ने भी अपनी राजनीतिक समझ से धीरे-धीरे अपनी पहचान बना ली. पंकज चौधरी ने राम लहर में 1991 में पहली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद से उन्होंने महराजगंज को अपना कार्यक्षेत्र बना लिया. अब तक दो बार ही (1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव) में पंकज को हार का सामना करना पड़ा. नए अध्यक्ष पंकज चौधरी नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में पहली बार केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बने. तीसरे कार्यकाल में भी चौधरी को दोबारा केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री बनाया गया.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
- 1989-91 सदस्य नगर निगम गोरखपुर (उत्तर प्रदेश).
- 1990-91 उप महापौर नगर निगम गोरखपुर.
- 1990- सदस्य कार्य समिति भारतीय जनता पार्टी.
- 1991- 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए. (पहला कार्यकाल).
- 1991-96 सदस्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी व पर्यावरण और वन संबंधी समिति.
- 1998-12वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित.
- 2004-14वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित.
- 2014- 16वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित
- 2019- 17वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित.
- 2024- 18वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित.
- 2021 से केंद्र की मोदी सरकार में लगातार मंत्री.
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