Home Top 3 News UPSC Aspirants Death: करीब थी मौत और हम सबसे थे लाचार, जान बचाने वाले ऋषभ ने सुनाई दर्दनाक दास्तान

UPSC Aspirants Death: करीब थी मौत और हम सबसे थे लाचार, जान बचाने वाले ऋषभ ने सुनाई दर्दनाक दास्तान

by Live Times
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UPSC Aspirants Death: करीब थी मौत और हम सबसे थे लाचार, जान बचाने वाले ऋषभ ने सुनाई दर्दनाक दास्तान

Old Rajendra Nagar Coaching Accident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग संस्थान में हुए हादसे में अपनी जान बचाने वाले ऋषभ पाल ने कहा कि उसे इस बात का अफसोस रहेगा कि वह तान्या सहित अपने साथी छात्रों को नहीं बचा पाया.

31 July, 2024

Old Rajendra Nagar Coaching Accident : दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajendra Nagar) स्थित कोचिंग संस्थान में बीते शनिवार को हुए हादसे में अपनी जान बचाने वाले छात्र ऋषभ पाल (Rishabh Pal) ने कहा कि उसे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि वह तान्या सोनी (Tanya Soni) सहित अपने साथी छात्रों को नहीं बचा सका. ऋषभ इसके लिए खुद को दोषी भी मानते हैं. ऋषभ ने कहा कि 27 जुलाई की शाम जब हम सभी इमारत के बेसमेंट में फंसे थे तो तान्या ने उस समय उम्मीद नहीं छोड़ने के लिए उसे प्रेरित किया था. ऋषभ ने कहा कि उस वक्त मौत हमारे बिलकुल पास ही थी. दरअसल, इमारत के बेसमेंट में बारिश से पानी भरने पर तान्या सोनी (Tanya Soni), श्रेया यादव (Shreya Yadav) और नेविन डाल्विन (Nevin Dalvin) की मौत हो गई थी.

हमने बचने की उम्मीद छोड़ दी थी

राऊ के IAS स्टडी सर्किल के बैच एम33 के सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रहे ऋषभ ने समाचार न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि जब बारिश का पानी इमारत में घुसने लगा, तब हम सब लाइब्रेरी में थे. गेट के पास मौजूद करीब 10 से 12 छात्र किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन सीढ़ियों पर पानी के तेज बहाव के कारण हममें से करीब 10-15 छात्र अंदर फंस गए. ऋषभ ने कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी और सोचा था कि वे सभी मर जाएंगे. लेकिन तान्या, जो मेरी बैचमेट थी ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और हम बच जाएंगे.

हम सबने बचने के लिए बनाई थी मानव श्रृंखला

ऋषभ ने कहा कि तान्या ने कहा कि चलो एक मानव श्रृंखला बनाते हैं. फिर हमने मानव श्रृंखला बनाने की कोशिश की, लेकिन पानी के बहाव के कारण हम टिक नहीं पाए. धीरे-धीरे पानी अंदर घुसता रहा, तान्या और श्रेया एक टेबल पर खड़ी हो गईं. मैंने भी किसी तरह हिम्मत जुटाई और सीढ़ियों पर चढ़ने लगा. सीढ़ियों पर आधे रास्ते में एक हाउसकीपिंग स्टाफ ने अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाया और मुझे ऊपर खींच लिया. ऋषभ ने कहा इसके बाद मेरे पीछे मेरा दोस्त जयदीप और कुछ अन्य लोग बाहर आए. लेकिन तान्या और श्रेया अभी भी वहां पर फंसी हुई थीं. केवल तीन से चार मिनट में करीब 13 फीट से अधिक ऊंची लाइब्रेरी पानी से भर गई थी.

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