Home राज्यBihar बिहार में सियासी हलचलः नीतीश के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने थामा जन सुराज पार्टी का दामन

बिहार में सियासी हलचलः नीतीश के करीबी पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने थामा जन सुराज पार्टी का दामन

by Sanjay Kumar Srivastava
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Prashant Kishor and RCP Singh

मुख्यमंत्री से अलग होने से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह दोनों नीतीश कुमार की जद (यू) में थे. पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार किशोर 2020 में निष्कासित होने तक जद (यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे.

Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व करीबी सहयोगी प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह ने रविवार को हाथ मिला लिया. दोनों नेताओं ने कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने गुरु के खिलाफ चुनाव लड़ने की कसमें खाईं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने किशोर की जन सुराज पार्टी के साथ बमुश्किल छह महीने पहले गठित अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ के विलय की घोषणा की. मुख्यमंत्री से अलग होने से पहले प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह दोनों नीतीश कुमार की जद (यू) में थे.

दोनों बनाएंगे बिहार को विकसित राज्य

पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार किशोर, 2020 में निष्कासित होने तक नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जद (यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे. जबकि आरसीपी सिंह एक पूर्व नौकरशाह थे, जिन्होंने बिहार के सीएम के प्रधान सचिव के रूप में काम किया था. सिंह पार्टी में प्रमुख संगठनात्मक पदों पर भी रहे और यहां तक ​​​​कि कुछ समय के लिए इसका नेतृत्व भी किया. लेकिन सिंह को 2022 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. आरसीपी सिंह जद (यू) छोड़ने के बाद 2023 में भाजपा में शामिल हो गए. सिंह ने यहां एक समारोह में कहा कि हम दोनों बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.

अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से मुक्त होगी नई सरकार

किशोर ने कहा कि यह एक राजनीतिक गठबंधन है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अब ऐसी सरकार के हकदार हैं जो राज्य के समग्र विकास के लिए काम करे. किशोर ने कहा, “हम दोनों मिलकर काम करेंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी सरकार बनाएगी. हमारा ध्यान राज्य में एक नई सरकार बनाने पर होगा जो ‘3 सी’ – अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से मुक्त होगी. उन्होंने बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार पर कुछ सेवानिवृत्त नौकरशाहों और चार-पांच जेडी (यू) नेताओं के माध्यम से अपनी सरकार चलाने का आरोप लगाया.

जेडी (यू) अब डूबती हुई नावः प्रशांत किशोर

कहा कि नीतीश कुमार को पता नहीं है कि राज्य में क्या चल रहा है. सरकार और जेडी (यू) को कुछ सेवानिवृत्त नौकरशाहों और चार-पांच ‘ठेकेदारों’ (नेताओं) द्वारा चलाया जा रहा है. ये ‘ठेकेदार’ सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और गिद्धों की तरह काम कर रहे हैं. किशोर ने दावा करते हुए कहा कि जेडी (यू) अब डूबती हुई नाव है. उन्होंने कहा कि इसके कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ देनी चाहिए. नालंदा से आने वाले किशोर ने कहा कि जेडी (यू) के कार्यकर्ताओं को पार्टी छोड़ देनी चाहिए. मुख्यमंत्री के गृहनगर में रहने वाले सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए वह पहली बार नीतीश कुमार के संपर्क में आए थे, जब जदयू प्रमुख 1999 में रेल मंत्री थे.

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