पुलिस एम्स के पेशेवर परामर्शदाताओं की मदद से वीडियो बनाएगी. इन वीडियो के जरिए किशोरों में नशीली दवाओं के सेवन के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लक्षणों की जानकारी दी जाएगी.
New Delhi: किशोरों में बढ़ते नशे को लेकर दिल्ली पुलिस गंभीर हो गई है. दिल्ली पुलिस का मानना है कि नशे के कारण बाल अपराधों में वृद्धि हो रही है. आए दिन स्कूलों में भी मारपीट की घटनाएं सामने आती रहती हैं. इसी कड़ी में किशोरों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पहल की है. दिल्ली पुलिस भी अब स्कूलों में होने वाले अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) में शामिल होगी. इस दौरान पुलिस माता-पिता को उनके बच्चों में मादक द्रव्यों के सेवन के शुरुआती चेतावनी व संकेतों के बारे में जागरूक करेगी.
छात्रों के व्यवहार को पहचानने की दी जाएगी ट्रेनिंग
पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि शिक्षा निदेशालय (डीओई) के सहयोग से शुरू की जा रही इस पहल का उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों में मादक द्रव्यों के बढ़ते खतरे को दूर करने के लिए स्कूल और समुदाय स्तर पर एक व्यापक जागरूकता ढांचा तैयार करना है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस पहले ही उन स्कूलों के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर चुकी है, जिन्होंने इस कार्यक्रम को चुना है, जिसमें उन्हें छात्रों, विशेष रूप से किशोरों में नशीली दवाओं के सेवन का संकेत देने वाले व्यवहार और मनोवैज्ञानिक संकेतों की पहचान करने के लिए तैयार किया गया है.
अधिकारी ने कहा कि हमने हाल ही में शिक्षा निदेशालय के साथ साझेदारी की और शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिल सके कि नशीली दवाओं का सेवन करने वाले छात्रों में शुरुआती व्यवहार में बदलाव को कैसे पहचानें.
वीडियो के जरिए दी जाएगी मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लक्षणों की जानकारी
इस पहल को और अधिक समर्थन देने के लिए दिल्ली पुलिस विशेषज्ञ परामर्शदाताओं को शामिल करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नशामुक्ति केंद्र के साथ चर्चा कर रही है. अधिकारी ने कहा कि एम्स के पेशेवर परामर्शदाताओं की मदद से हम वीडियो बनाने की योजना बना रहे हैं, जो किशोरों में नशीली दवाओं के सेवन के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लक्षणों की जानकारी देंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि संदेश सुलभ, दृश्य प्रारूप में माता-पिता तक पहुंचे, इन्हें पीटीएम के दौरान दिखाया जाएगा. वीडियो माता-पिता और शिक्षकों के बीच बातचीत की शुरुआत के रूप में काम करेंगे और उम्र के अनुसार चेतावनी संकेतों को दर्शाने के लिए तैयार किए जाएंगे.
यह कार्यक्रम सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के लिए हैं. अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इसे पूरे शहर में बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पहल स्कूलों, परिवारों और कानून प्रवर्तन के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगी और एक सहयोगी माहौल को बढ़ावा देगी, जहां बच्चों को मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते खतरे से बेहतर तरीके से बचाया जा सकेगा.
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