Bangladesh Politics: चुनाव की तारीख तय करना और राजनीतिक सहमति बनाना अब बांग्लादेश की स्थिरता के लिए बेहद जरूरी हो गया है. यूनुस ने कहा बांग्लादेश में युद्ध जैसे हालात.
बांग्लादेश की राजनीति एक नाजुक मोड़ पर खड़ी है. मोहम्मद यूनुस की तरफ से तय तारीख पर पद छोड़ने की घोषणा ने यह तो साफ कर दिया है कि वे सत्ता से चिपके नहीं रहना चाहते, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच लगातार टकराव के चलते भविष्य की राह आसान नहीं दिख रही.
30 जून 2025 के बाद नहीं संभालेंगे पद
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने साफ कर दिया है कि वह 30 जून 2025 के बाद अपने पद पर नहीं रहेंगे. बता दें यह बयान उन्होंने हाल ही में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ हुई एक अहम बैठक के दौरान दिया. यूनुस के इस ऐलान के बाद देश की अस्थिर राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चाएं और गहरी हो गई हैं. उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम के अनुसार, यूनुस ने यह भी कहा है कि बांग्लादेश में आम चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच कराए जाएंगे.
“हम युद्ध जैसी स्थिति में हैं” – यूनुस
बैठक में मोहम्मद यूनुस ने देश की वर्तमान हालत को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि “हम युद्ध जैसी स्थिति में हैं.” उन्होंने अवामी लीग पर परोक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतिबंध के बाद पार्टी देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. यूनुस के इस बयान ने साफ कर दिया कि बांग्लादेश राजनीतिक और सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा है, जहां शांति और स्थिरता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है.
BNP की मांगें, चुनावी तारीख और कैबिनेट में बदलाव
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने यूनुस से चुनावों को दिसंबर 2025 तक कराने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा सलाहकार परिषद में विवादास्पद चेहरों को हटाकर नई परिषद बनाने की अपील भी की. बीएनपी के वरिष्ठ नेता खांडेकर मुशर्रफ हुसैन ने यूनुस से उनके निवास पर मुलाकात कर पार्टी की सभी प्रमुख मांगों को दोहराया और एक स्पष्ट चुनावी रोडमैप की घोषणा का अनुरोध किया.
इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं यूनुस
सूत्रों की मानें तो मोहम्मद यूनुस राजनीतिक असहमति और काम में बाधाओं के चलते इस्तीफा देने पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं. उन्होंने इस सप्ताह नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेताओं से बातचीत में यह संकेत दिया. हालांकि, गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में उनके सहयोगियों ने उन्हें इस्तीफा न देने के लिए मनाने की कोशिश की. यूनुस का कहना है कि जब तक राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति नहीं बनती, तब तक देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना मुश्किल है.
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