Aaj Ka Panchang: आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा. चंद्रमा का उदय दोपहर 2:09 बजे होगा और चंद्रास्त अगले दिन, 6 जून को सुबह 2:00 बजे होगा.
Aaj Ka Panchang: आज 5 जून 2025, गुरुवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, जो विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर के अंतर्गत मनाई जा रही है. भारतीय ज्योतिष और हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है. आज का पञ्चाङ्ग न केवल समय और तिथियों का विवरण देता है, बल्कि यह भी बताता है कि कौन से समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त हैं और किन समयों में सावधानी बरतनी चाहिए. आइए, आज के पञ्चाङ्ग का विस्तृत विवरण देखें, जिसमें सूर्योदय, चन्द्रोदय, नक्षत्र, योग, करण, शुभ-अशुभ समय, और अन्य ज्योतिषीय जानकारी शामिल है.
सूर्य और चंद्रमा की स्थिति
आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:17 बजे होगा. चंद्रमा का उदय दोपहर 2:09 बजे होगा और चंद्रास्त अगले दिन, 6 जून को सुबह 2:00 बजे होगा. दिन का समय 13 घंटे 53 मिनट 33 सेकंड का रहेगा, जबकि रात्रि का समय 10 घंटे 6 मिनट 20 सेकंड का होगा. मध्याह्न का समय दोपहर 12:20 बजे होगा. चंद्रमा आज कन्या राशि में रहेगा, और सूर्य वृषभ राशि में गोचर करेगा. नक्षत्र की बात करें तो आज हस्त नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक प्रभावी रहेगा, जिसमें इसके चारों पाद क्रमशः सुबह 10:19 बजे, दोपहर 5:03 बजे, रात 11:48 बजे और उसके बाद प्रभावी होंगे. सूर्य रोहिणी नक्षत्र के चौथे पाद में रहेगा.
तिथि, नक्षत्र, योग और करण
आज की तिथि शुक्ल पक्ष की दशमी है, जो 6 जून को सुबह 2:15 बजे तक रहेगी, इसके बाद एकादशी तिथि प्रारंभ होगी. नक्षत्र हस्त है, जो पूरे दिन प्रभावी रहेगा. योग की बात करें तो सिद्धि योग सुबह 9:14 बजे तक रहेगा, जिसके बाद व्यतीपात योग शुरू होगा. करण में तैतिल सुबह 1:02 बजे तक रहेगा, उसके बाद गर करण और फिर वणिज करण प्रभावी होगा. यह संयोजन आज के दिन को धार्मिक कार्यों और शुभ कार्यों के लिए विशेष बनाता है, खासकर सिद्धि योग के दौरान.
ऋतु और अयन
वैदिक और द्रिक दोनों ही गणनाओं के अनुसार, आज ग्रीष्म ऋतु है, और अयन उत्तरायण है. यह समय वर्ष का वह हिस्सा है जब सूर्य उत्तर दिशा की ओर गति करता है, जो शुभ कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है. ज्येष्ठ मास पूर्णिमांत और अमांत दोनों गणनाओं में महत्वपूर्ण है, और आज प्रविष्टे/गते 22 है. संवत्सर की बात करें तो विक्रम संवत 2082 कालयुक्त है, शक संवत 1947 विश्वावसु है, और गुजराती संवत 2081 नल है. बृहस्पति संवत्सर में कालयुक्त 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:07 बजे तक प्रभावी था, जिसके बाद सिद्धार्थी संवत्सर शुरू हुआ.
शुभ समय
आज के दिन कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जो विभिन्न कार्यों के लिए उपयुक्त हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:02 बजे से 4:43 बजे तक रहेगा, जो ध्यान, अध्ययन और आध्यात्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय है. प्रातः सन्ध्या सुबह 4:22 बजे से 5:23 बजे तक रहेगी. अभिजित मुहूर्त, जो सभी शुभ कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल माना जाता है, दोपहर 11:52 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2:39 बजे से 3:34 बजे तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 7:15 बजे से 7:35 बजे तक रहेगा. सायाह्न सन्ध्या शाम 7:17 बजे से 8:17 बजे तक होगी. इसके अलावा, अमृत काल रात 11:49 बजे से 6 जून को सुबह 1:37 बजे तक और निशिता मुहूर्त रात 11:59 बजे से 6 जून को सुबह 12:40 बजे तक रहेगा. रवि योग पूरे दिन प्रभावी रहेगा, जो कार्यों में सफलता और सकारात्मकता प्रदान करता है.
अशुभ समय
कुछ समय आज अशुभ माने गए हैं, जिनमें सावधानी बरतनी चाहिए. राहुकाल दोपहर 2:04 बजे से 3:48 बजे तक रहेगा, जो किसी भी नए कार्य को शुरू करने के लिए उपयुक्त नहीं है. यमगण्ड सुबह 5:23 बजे से 7:07 बजे तक और गुलिक काल सुबह 8:51 बजे से 10:36 बजे तक रहेगा. वर्ज्य समय दोपहर 1:02 बजे से 2:50 बजे तक और दुर्मुहूर्त सुबह 10:01 बजे से 10:56 बजे तक तथा दोपहर 3:34 बजे से 4:30 बजे तक रहेगा. बाण में अग्नि रात 8:55 बजे तक प्रभावी रहेगा. इसके अलावा, विडाल योग पूरे दिन रहेगा, और आनन्दादि योग में राक्षस योग अशुभ माना जाता है. तमिल योग में मरण योग है, जो सावधानी बरतने का संकेत देता है.
आज होमाहुति शनि ग्रह को समर्पित है, और दिशा शूल दक्षिण दिशा में है. इसलिए, दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. जीवनम निर्जीव और नेत्रम में दो नेत्र हैं. यह जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अपने कार्यों और यात्राओं की योजना बनाते हैं.
5 जून 2025 का पञ्चाङ्ग धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. आज का दिन शुभ कार्यों, विशेष रूप से अभिजित मुहूर्त और रवि योग के प्रभाव में, सफलता और सकारात्मकता लाने वाला हो सकता है. हालांकि, राहुकाल और अन्य अशुभ समयों में सावधानी बरतना आवश्यक है. यह पञ्चाङ्ग न केवल हिंदू परंपराओं का पालन करने वालों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि ज्योतिष में रुचि रखने वालों के लिए भी उपयोगी है. अपने कार्यों की योजना बनाते समय इन शुभ और अशुभ समयों का ध्यान रखें, ताकि दिन की सकारात्मक ऊर्जा का अधिकतम लाभ उठाया जा सके.
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