Sri Bhagavathi Temple Kollam: केरल के श्री भगवती मंदिर में पुरुष को पूजा और दर्शन के लिए स्त्री का रूप धारण करना पड़ता है. भले ही ये मान्यता सुनने में बेहद अजीब लगती है, लेकिन लोग इस पर अटूट विश्वास रखते हैं.
7 April, 2024
Chamayavilakku Festival: भारत में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जहां अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं. ऐसी मान्यताएं, जिससे व्यक्ति हैरक में आ सकता है. उन्हीं में से एक मान्यता श्री भगवती मंदिर में प्रचलित है जो केरल के कोल्लम के कोट्टनकुलंगरा में स्थित है. इस मंदिर में पुरुष को पूजा और दर्शन के लिए स्त्री का रूप धारण करना पड़ता है. भले ही ये मान्यता सुनने में बेहद अजीब लगती है, लेकिन लोग इस पर अटूट विश्वास रखते हैं.चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.
ऐसे मनाते हैं उत्सव
श्री भगवती मंदिर में मार्च से लेकर अप्रैल के महीने तक मलयालम महीने मीनम पर्व मनाया जाता है. इस मंदिर के इस वार्षिक उत्सव में पुरुष महिलाओं का वेश बनाकर शामिल होते हैं. केरल के इस उत्सव को चाम्याविलक्कू नाम से जाना जाता है. यहां की परंपरा के मुताबिक, पुरुष यहां एक जूलूस में शामिल होने के लिए आते हैं. इस दौरान यहां पीठासीन देवी के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए 5 बत्तियों का दीपक जालाया जाता है.
पौराणिक कथाएं
मान्यतानुसार, श्री देवी मंदिर में स्थापित मूर्ति स्वयंभू है. प्रचलित कथानुसार, लड़कों को एक ग्रुप को जंगल में खेल के दौरान एक नारियल मिला. जब इस नारियल को तोड़ने का प्रयास किया गया तो इससे खून निकलने लगा. फिर इस घटना के बारे में लड़कों ने अन्य लोगों को बताया. तब इस नारियल को देवी माना गया और मंदिर में स्थापित किया गया. एक अन्य मान्यतानुसार, एक बार कुछ चरवाहों द्वारा महिला के कपड़े पहनकर पत्थर पर फूल चढ़ाए गए, जिसके पश्चात पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगी. चरवाहों की पत्थर के प्रति पूजाभाव को देखते हुए वहां मंदिर बनवाया गया और धीरे-धीरे ये मंदिर प्रसिद्ध हो गया.
मान्यताएं
मान्यतानुसार, श्री देवी मंदिर में 2 देवी वास करती हैं, जिनकी पूरा केवल महिलाएं ही कर सकती हैं. ऐसे में पुरुष इस मंदिर में अपने सामान्य रूप में मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते. इसी के चलते यहां दर्शन के लिए आए पुरुष स्त्री का रूप बनाकर मंदिर में पूजा और दर्शन करते हैं. मान्यतानुसार, जो पुरुष इस मंदिर में औरत का वेश धारण करके पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
विशेषताएं
इस मंदिर के परिसर में पुरुष भक्त और श्रृद्धालु को महिला वेश में बदलने के लिए एक कमरा बनाया गया है. इस कमरे में स्त्री वेशभूषा में बदलने के लिए नकली गहने और बाल तक मौजूद हैं. यहां आए कई पुरुष भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर मां को श्रृंगार चढ़ाते हैं. यहां पर किसी भी लिंग, धर्म या जाति के लोग दर्शन के लिए आ सकते हैं.
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