गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक कार्यक्रम में वैल्यू एजुकेश की तारीफ की. उन्होंने कहा कि वैल्यू एजुकेशन का स्टूडेंट्स और टीचर्स पर पॉजिटिव असर देखने को मिल रहा है.
Goa CM on Value education: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शनिवार को कहा कि स्कूल करिकुलम में वैल्यू एजुकेशन या ‘मूल्यवर्धन’ की शुरुआत से स्टूडेंट्स और टीचर्स के व्यवहार में उल्लेखनीय सुधार आया है. सीएम प्रमोद सावंत गैर-लाभकारी संगठन शांतिलाल मुथा फाउंडेशन के सहयोग से राज्य के स्कूलों में शुरू की गई ‘मूल्यवर्धन’ की समीक्षा के प्रयासों के तहत वीडियो लिंक के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे. सावंत ने कहा, “हमने छह साल पहले सरकारी उच्चतर माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए वैल्यू एजुकेशन शुरू की थी. शिक्षकों को मूल्य शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. छह वर्षों में, हमने मूल्य शिक्षा के कारण छात्रों और शिक्षकों के व्यवहार में उल्लेखनीय सुधार देखा है.” उन्होंने कहा कि शांतिलाल मुथा फाउंडेशन द्वारा गोवा के स्कूलों में शुरू की गई अवधारणा को अब अन्य राज्य भी अपना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब तक 450 स्कूलों के 80,000 छात्रों और 2,700 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
वैल्यू एजुकेशन पर क्या कहा?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “जब हम वैल्यू एजुकेशन की बात करते हैं, तो इसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व शामिल होते हैं. छात्रों को गतिविधि आधारित शिक्षा के माध्यम से पढ़ाया जाना चाहिए. यह कार्यक्रम भाषा की बाधाओं को तोड़कर लागू किया जाता है. स्कूलों में मराठी, हिंदी, अंग्रेजी और यहां तक कि उर्दू में भी शिक्षा प्रदान की जाती है. वैल्यू एजुकेशन छात्रों को घर, स्कूल और समाज में कैसे व्यवहार करना है, यह सिखाती है. वैल्यू एजुकेशन में वेस्ट मैनेजमेंट, व्यक्तिगत स्वच्छता, सड़क सुरक्षा और योग जैसे पहलू शामिल हैं. छात्रों ने वेस्ट मैनेजमें पहल में योगदान देना शुरू कर दिया है. उन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में भी सिखाया जाता है. सड़क सुरक्षा के बारे में पढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि गोवा में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम एक व्यक्ति की जान जाती है.”
योग का भी किया जिक्र
योग को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए, सावंत ने कहा कि स्कूलों को दैनिक सभा के दौरान छात्रों को 15-20 मिनट तक इस प्राचीन कला का प्रदर्शन करने के लिए कहना चाहिए, जिससे उन्हें ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा, “राज्य सरकार हर स्कूल में कम से कम एक आधुनिक कक्षा कक्ष उपलब्ध कराने में कामयाब रही है. कोडिंग और रोबोटिक्स की शिक्षा शुरू की गई है और अब 65,000 छात्र इसमें शामिल हैं. राज्य शिक्षा विभाग प्रतिदिन 2 लाख से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों की निगरानी कर रहा है.”
ये भी पढ़ें- ‘अंग्रेजी का बोलबाला है, लेकिन मराठी माध्यम से शिक्षा…’, भाषा विवाद पर क्या बोले SC के पूर्व जज?
