Donald Trump On Media : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन मीडिया को लेकर बयान देते आए हैं. लेकिन इस बार उन्होंने बड़ा फैसला ले लिया है.
Donald Trump On Media : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मीडिया के बीच छत्तीस का आकड़ा हमेशा से ही रहा है. मीडिया के कवरेज को उन्होंने कई बार नकारा है. लेकिन इस बार उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल और रूपर्ट मर्डोक समेत उनके मालिकों पर FIR दर्ज करवा दी है. इस कड़ी में उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल अखबार की एपस्टीन की रिपोर्ट को फर्जी बताया है. पस्टीन की ओर से लड़कियों का यौन शोषण करने का पहला मामला साल 2006 में सामने आया था. इसके साथ ही उन्होंने अखबार की इस रिपोर्ट के लिए कम से कम 10 अरब डॉलर का दंड मांगा है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये पूरा मामला उस वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टिंग के बाद सामने आया है. इस रिपोर्टिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पत्र में नाम शामिल था, जो साल 2003 में बाल यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन को जन्मतिथि पर लिखा गया था. अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में इसका दावा किया गया है जिसके बाद से ट्रंप ने उसपर शिकायत दर्ज करवाते हुए इसे खबर को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि वह अखबार पर FIR दर्ज करेंगे. गौरतलब है कि बाल यौन अपराधों में दोषी पाए गए एपस्टीन की साल 2019 में जेल में मौत हो गई थी.
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रिपोर्ट में क्या बताया था?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में ये बताया गया था कि यह पत्र एपस्टीन की 50वीं जन्मतिथि मनाने के लिए बनाए गए एक एलबम में शामिल था. उस पत्र में ट्रंप का नाम है, जिसमें कई लाइने टाइप की हुई थी और एक महिला की अश्लील तस्वीर भी लगाई गई थी. पत्र के आखिर में ”हैप्पी बर्थडे, हर दिन एक अद्भुत रहस्य लेकर आए” लिखा हुआ है और ट्रंप का साइन किया हुआ था.
फेक न्यूज छापा है
इस खबर के आते ही ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. इसके बाद से उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया शएयर की. उन्होंने कहा कि वाल स्ट्रीट जर्नल ने फेक न्यूज छापा है. वह इस अखबार इसके मालिक न्यूर्ज कार्प और रूपर्ट मर्डोक पर मुकदमा दर्ज करेंगे. लेकिन अखबार की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
रैकेट चलाने के भी आरोप
आपको बात दें कि एपस्टीन की ओर से लड़कियों का यौन शोषण करने का पहला मामला साल 2006 में सामने आया था. उसपर रैकेट चलाने का भी आरोप लगा था. एपस्टीन को लेकर यह मामला उस समय सामने आया जब उसके यौन शोषण के मामलों को लेकर ट्रंप प्रशासन के रवैये से खुद अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थक भी नाराज हैं.
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