तृणमूल कांग्रेस के नेता जानते हैं कि एक बार घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए तो वे 2026 में पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 70 भी नहीं जीत पाएंगे.
Kolkata: भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने अन्य राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न के उनके हालिया दावों को निराधार बताया और उन पर 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ के लिए भय फैलाने का आरोप लगाया. चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से घबरा गया है क्योंकि उन्हें अपने अवैध वोट बैंक पर नियंत्रण खोने का डर है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता जानते हैं कि एक बार घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए, तो वे 2026 में पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 70 भी नहीं जीत पाएंगे. इसलिए वे घबरा रहे हैं और चुनाव आयोग के पुनरीक्षण अभियान का विरोध कर रहे हैं.
बंगाल पर ममता का एकाधिकार नहीं
पत्रकारों से बात करते हुए दिग्गज अभिनेता से राजनेता बने चक्रवर्ती ने कहा कि बनर्जी की टिप्पणियों का उद्देश्य विवाद भड़काना और बंगाल के लोगों में अनावश्यक दहशत पैदा करना है. पूर्व टीएमसी राज्यसभा सांसद चक्रवर्ती ने कहा कि वह हर चीज़ में विवाद पैदा करना चाहती हैं. कुछ नहीं होने वाला है. बांग्ला भाषा जैसी है वैसी ही रहेगी. ममता बनर्जी का इस पर एकाधिकार नहीं है. हम कड़ी टक्कर देंगे. उन्होंने 2016 में टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले 2021 में भाजपा में शामिल हो गए थे. उनकी टिप्पणी बनर्जी द्वारा एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के कुछ दिनों बाद आई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने भाजपा के भाषाई आतंकवाद के रूप में वर्णित के खिलाफ आगाह किया.
सीएम पर कार्रवाई करे चुनाव आयोग
उन्होंने चुनाव आयोग पर बंगाल और पड़ोसी बिहार में मतदाता सूची से अल्पसंख्यक और प्रवासी मतदाताओं के नाम हटाने का भी आरोप लगाया और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से विरोध में आयोग के कार्यालयों का घेराव करने का आह्वान किया. टीएमसी सुप्रीमो के घेराव के आह्वान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि इस तरह की रणनीति निरर्थक है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. फर्जी और जाली मतदाताओं को हटाना होगा, तभी चुनाव निष्पक्ष होंगे. अगर आयोग का घेराव भी किया जाए, तो क्या हासिल होगा? ऐसे विरोध प्रदर्शनों का क्या मतलब है? चक्रवर्ती ने आगे दावा किया कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले अवैध घुसपैठियों की सबसे ज़्यादा संख्या पश्चिम बंगाल में है और सत्तारूढ़ पार्टी लंबे समय से इसका शोषण कर रही है.
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