असम में लोक निर्माण विभाग (PWD) की सहायक अभियंता की खुदकुशी मामले ने तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है.
Guwahati: असम में लोक निर्माण विभाग (PWD) की सहायक अभियंता की खुदकुशी मामले ने तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है. कांग्रेस ने कहा कि अभियंता कथित तौर पर बोंगाईगांव में अपने पदस्थापन क्षेत्र में एक मिनी स्टेडियम के निर्माण में गड़बड़ियों को नजरअंदाज करने के लिए वरिष्ठों के भारी दबाव में थी. असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया है. कांग्रेस ने रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की भी घोषणा की है. कांग्रेस ने इस घटना को विभाग के भीतर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक दबाव का गंभीर प्रतिबिंब बताया है. गुवाहाटी की रहने वाली और बोंगाईगांव में तैनात सहायक अभियंता मंगलवार को अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं थीं.
आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक लोक निर्माण विभाग के एक कार्यकारी अभियंता, एक उप-मंडल अधिकारी और एक ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. शव के पास एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि दोनों अधिकारियों ने बोंगाईगांव में एक मिनी स्टेडियम के निर्माण को लेकर उन पर बहुत दबाव डाला था. उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए बिलों को पास करने के लिए उन पर दबाव डाला गया था. घटना के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस नोट में लगे आरोपों की पुष्टि कर रही है. सैकिया ने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को लिखे एक पत्र में दावा किया कि मृतक अभियंता ने अपनी मां और परिवार के सदस्यों से उत्पीड़न की शिकायत की थी, विशेष रूप से यह आरोप लगाते हुए कि उनके वरिष्ठ अधिकारी उनसे बार-बार निर्माण की गुणवत्ता से समझौता करने के लिए कहते थे.
सीबीआई जांच की मांग
सैकिया ने (एनआईडीए) यानी नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस परियोजना के तहत राज्य के 40 विभिन्न स्थलों पर चल रहे मिनी स्टेडियम निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं की गहन स्वतंत्र जांच की भी मांग की. सहायक अभियंता के परिवार को मुआवजा देने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही विभागीय जांच का आदेश दे दिया है, लेकिन जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए. राज्य कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) बिपुल गोगोई ने मीडिया के साथ साझा किए गए एक परिपत्र में कहा कि यह घटना भाजपा प्रशासन के तहत अपने कर्मचारियों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सहायक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की विफलता को उजागर करती है. सभी जिला पार्टी अध्यक्षों को सीबीआई जांच की मांग और सहायक अभियंता के लिए न्याय की मांग के लिए विरोध कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. गोगोई ने कहा कि इन विरोध प्रदर्शनों में महिलाओं की आवाज को बढ़ाने और एक सुरक्षित कार्यस्थल की वकालत करने के लिए सभी कांग्रेस नेता और सदस्य शामिल होंगे.
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